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सोनपुर। मंडल रेल प्रबंधक विवेक भूषण सूद के निर्देश पर मंडल की ट्रेनों में सुरक्षा एवं संरक्षा की दृष्टि से हॉट एक्सेल डिटेक्शन तथा स्टाफ में अलर्टनेस के लिए एक मॉक ट्रायल किया गया। यह ट्रायल नारायणपुर अनंत एवं दिघवारा रेल खंड के बीच किया गया। हॉट एक्सेल क्या है और इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं? विदित हो कि किसी भी कारण से एक्सेल बॉक्स का एक निश्चित तापमान से अधिक गर्म होना हॉट एक्सेल कहलाता है। उल्लेखनीय है कि हॉट एक्सेल एकाएक होने वाली प्रक्रिया नहीं है। बल्कि यह एक धीरे-धीरे होने वाला फेलियर है। जब हॉट एक्सेल होता है तो पहले से ही उसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। यदि हमारे रोड साइड स्टेशन के स्टॉफ़ सजग होंगे तो एक्सेल को बुरी दशा में पहुंचने से पहले ही पहचाना जा सकता है।
चक्का बहुत अधिक गर्म होकर ट्रेन की बैरिंग को जाम कर देगा और बेरिंग जाम हो जाने से ट्रेन मूवमेंट रुक सकती है।
व्हील एक्सेल खराब हो सकता है, इत्यादि। ज्ञात हो कि कल मध्य रात्रि में एक खाली गुड्स ट्रेन में हॉट एक्सेल का मॉक ट्रायल किया गया। नारायणपुर अनंत में रेलवे द्वारा इस रेक के एक वैगन के ट्रॉली में एक्सेल बॉक्स बेरिंग के पास एक गैजेट लाइट (लाल रंग की) लगाया गया जो कि देखने में एक हॉट एक्सेल की तरह प्रतीत होता है। यह गाड़ी रात्रि 23:25 पर नारायणपुर अनंत से चली। सोनपुर- छपरा रेलखंड में नयागांव स्टेशन में गैजेट लाइट ठीक 1:15 पर ऑन किया गया। गाड़ी चलने के बाद गेट संख्या 10 जीसी, 10 एचसी के गेटमैन एवं शीतलपुर के स्टेशन मास्टर द्वारा हॉट एक्सेल की पहचान कर फैलियर को पकड़ा गया।
जो कि रात में कार्य कर रहे रेल कर्मचारियों की मुस्तादी एवं जागरूकता को दर्शाता है।इसके उपरांत दिघवारा स्टेशन पर 1:35 पर गाड़ी रुकी एवं मॉक ट्रायल को खत्म किया गया। इस संबंध में मंडल रेल प्रबंधक विवेक भूषण सूद ने बताया कि मॉक ट्रायल सुरक्षा एवं संरक्षा की दृष्टि से एक अति महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लाइन में काम कर रहे कर्मचारियों की मुस्तैदी एवं तत्परता का अनुमान लगाया जाता है। भविष्य में इस तरह की और भी मॉक ट्रायल किया जाएगा ताकि रेलवे में सुरक्षा एवं संरक्षा में किसी प्रकार की कोई चूक ना हो सके।