दूरबीन न्यूज डेस्क। तीसरे-चौथे सप्ताह से शुरू हो सकता है जंगल सफारी, वीटीआर में जंगल सफारी शुरू करने को लेकर कवायद शुरू। बिहार का मीनी काश्मीर कहे जाने वाले वीटीआर में जंगल सफारी का इंतजार जल्द ही खत्म होगा। वीटीआर के पर्यटन केन्द्र वाल्मीकिनगर, मंगुराहा, गोबर्धना से जल्द ही जंगल सफारी शुरू की जाएगी। पर्यटक प्राकृतिक सुन्दरता और खुले जंगलों मे बाघ, तेंदुआ, गौर,समेत विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की चहचहाहट देख सुन सकेंगे। अक्टूबर के तीसरे-चौथे सप्ताह में जगंल सफारी शुरू हो सकती है। इसके बाद पर्यटकों के लिए जंगल सफारी से लेकर बोटिंग सफारी, साइकिल सफारी समेत पुरी तरह से पर्यटक केंद्र को खोल देगी।
अक्टूबर के पहले सप्ताह मे पर्यटकों के लिए खुलने वाला जंगल सफारी बीच में हुई भारी बारिश के कारण थोड़ी देरी से खुल रही है। सफारी रूट और रीवर पाथवे समेत अन्य रूट क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण समय को बढ़ाना पड़ा। हांलाकि वीटीआर प्रशासन ने पर्यटकों के लिए जंगल सफारी को जल्द से जल्द खोलने के लिए भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त रूट को बनाने समेत पर्यटन केन्द्रों को दुरुस्त करने में जुटी है। पर्यटकों के लिए सारी तैयारियां और सुख सुविधाओं को ध्यान मे रख मरम्मत कार्य अंतिम चरण में है। वीटीआर प्रशासन की माने तो 15 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर के अन्दर पर्यटकों के लिए जंगल सफारी समेत पूरी तरह से पर्यटन केंद्रों को शुरू कर दिया जायेगा।
इस संबंध मे वाल्मीकिनगर के प्रभारी वनक्षेत्र अधिकारी राजकुमार पासवान ने बताया कि पर्यटकों के लिए जंगल सफारी अक्टूबर के पहले सप्ताह मे ही शुरू होने वाला था लेकिन बीच मे हुई भारी बारिश के कारण ही जंगल सफारी की रूटे जर्जर हो गई। जिसके कारण जंगल सफारी की शुरू होने मे विलंब हुई। जंगल सफारी के रूटों को दुरुस्त कराया जा रहा है जो कि अंतिम चरण मे काम हो रहा है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो 15 से 25 अक्टूबर के बीच मे ही पर्यटकों के लिए जंगल सफारी समेत पुरी तरह से पर्यटन केंद्रों को खोल देने की सम्भावना है।
मुबंई के मरीन ड्राइव के तर्ज पर तैयार है रीवर पाथवे
वीटीआर के वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर व नेपाल के बार्डर से गुजरी गंडक नदी के किनारे बनाया गया रीवर पाथवे मुंबई के मरीन ड्राइव के तर्ज पर संवारा गया है। पर्यटन सत्र हो या आने वाले नया साल यहां आने वाले देशी विदेशी समेत अन्य जगहों से आने वाले पर्यटकों की पहली पंसद बनती है। रीवर पाथवे से पर्यटक बहती गंडक नदी की सुन्दरता समेत नेपाल की हिमालय व अन्य पहाड़ों और प्राकृतिक की सुन्दरता का आनंद लेते हैं।