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एनएसएस डे के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय है हाइजीन

दूरबीन न्यूज डेस्क। विमेंस कॉलेज समस्तीपुर में प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुनीता सिन्हा की अध्यक्षता एवं एनएसएस ऑफिसर डॉ नीतिका सिंह के नेतृत्व में एनएसएस डे के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय है हाइजीन, न्यूट्रिशन एंड हेल्थ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने डॉक्टर मुख्य अतिथि डॉ अमरेंद्र आदित्य, डॉ. सौमेंदु मुखर्जी और समाजसेवि ई. सच्चिदानंद सिन्हा एवं कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रो सुनीता सिन्हा मुख्य रुप से उपस्थित रहे।

अतिथियों का स्वागत डॉ नीतिका सिंह ने किया तथा एनएसएस टीम ने स्वागत गान एवं एनएसएस क्लैप के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से डॉक्टर सौमेंदु मुखर्जी ने अच्छे स्वास्थ्य की परिभाषा देते हुए कहा कि शारीरिक मानसिक और सामाजिक स्तर पर स्वस्थ होना ही अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है । डॉ अमरेंद्र आदित्य ने बताया कि हाइजीन शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द है हजिया से हुई है जिसका अर्थ है स्वास्थ्य की देवी, और प्रकृति स्वास्थ्य की देवी है। हाइजीन लगातार प्रयास से आता है और पोषण के बारे में कहा की सात्विक भोजन हमें संपूर्ण पोषण देने में सक्षम है ।हम स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं ।


श्रीमान सच्चिदानंद सिन्हा ने कहा कि एनएसएस अपनी सेवा के द्वारा हाइजीन पोषण और स्वास्थ्य को समाज लक्ष्य कर समाज को जागरुक करता रहा है।
प्रधानाचार्य प्रोफेसर सुनीता सिन्हा ने एनएसएस वॉलिंटियर्स की सराहना करते हुए कहा की एनएसएस इकाई हमेशा से समाज सेवा में तत्पर रहा है और जिसमें एनएसएस वालंटियर बढ़-चढ़ के हिस्सा लेते हैं। प्रोफेसर सुरेश शाह ने कहा कि स्वच्छता पर सत्रहवी शताब्दी से अधिक लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


इस कार्यक्रम में एनएसएस वालंटियर को उनके निरंतर मेहनत, एवं सेवा भाव के लिए एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया जिससे लोगों के बीच में प्रोत्साहन का भाव बढ़ा। एनएसएस वॉलिंटियर्स ने एनएसएस गीत के माध्यम से युवाओं को समाज सेवा के प्रति और मां धरती की सुरक्षा हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के माध्यम से डॉक्टर नेहा जायसवाल ने किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षक गण कॉलेज कर्मचारी और एनएसएस के वॉलिंटियर्स मुख्य रूप से उपस्थित थे। सम्मानित वॉलिंटियर्स में प्रिया, मोती, मुस्कान, पंखुड़ी कुमकुम रवि, पूजा, अनामिका, रागिनी, चित्रा, ज्योति इत्यादि थे।