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देश में नफरत का माहौल इस कदर बना दिया गया है कि “रघुपति राघव राजा राम ईश्वर अल्लाह तेरे नाम” गीत गाने पर गायिका देवी का माफी मांगना पड़ा- मीना तिवारी

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दूरबीन न्यूज डेस्क। देश में नफरत का माहौल इस कदर बना दिया गया है कि “रघुपति राघव राजा राम ईश्वर अल्लाह तेरे नाम” गीत गाने पर गायिका देवी का माफी मांगना पड़ा- मीना तिवारी।समस्तीपुर। झंडोत्तोलन के बाद शहीद वेदी पर माल्यार्पण के साथ ही अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला ऐसोसिएशन (ऐपवा) का दो दिवसीय राज्य परिषद की बैठक रविवार को शहर के मीनाक्षी उत्सव पैलेस धरमपुर में शुरू। बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष सोहिला गुप्ता एवं संचालन राज्य सचिव अनीता सिन्हा ने की। बैठक को संबोधित करते हुए ऐपवा के राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि हमारे देश के संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरह से संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ ब्यान दिया यह महिलाओं के लिए अपमानजनक स्थिति है।

इस देश में हिंदू कोड बिल लाने वाले अंबेडकर थे जिससे महिलाओं को संपत्ति का अधिकार, हिंदू धर्म में बहु-विवाह के खिलाफ महिला का बात करना, महिलाओं को वोट देने का अधिकार, तालाक हासिल करने का अधिकार आदि के लिए अंबेडकर हमेशा प्रयासरत थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग जो हिंदू महासभा से जुड़े थे, हिंदू कोड का विरोध किए थे। आज हमें जो अधिकार मिला है वह इस संविधान की देन है, अंबेडकर की देन है और इसे बचाने के लिए इस बैठक से ऐपवा संघर्ष का निर्णय लेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार के अंदर इस कदर नफरती माहौल बनाया जा रहा है जहां गांधीजी का प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम… ईश्वर अल्लाह तेरे नाम” गाने पर गायिका देवी से माफी मंगवाया जाता है।

भाजपा आज देश को कहां ले जा रही है जहां अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी की जाती है, भजन गाने पर माफी मंगवाया जाता है और ये सब कर रहे हैं देश में सत्ता में बैठे दल। उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के अधिकारों पर जो हमले हो रहे हैं, उस पर बात कर के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन का रूपरेखा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बगल के राज्य झारखंड,महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली आदि में महिलाओं के लिए योजना चलाया जा रहा है लेकिन बिहार में ऐसी कोई योजना नहीं है। ऐपवा मांग कर रही है कि बिहार में सभी महिलाओं को 3 हजार रुपए महीना सशक्तिकरण राशि सरकार दें। बिहार में जो भी स्वयं सहायता समूह है, ये महिलाओं के लिए कोई ठोस काम नहीं कर पा रही है।

ये सिर्फ दिखावे के लिए समूह को कुछ काम मिल जा रहा है लेकिन समूह से जुड़े डेढ़ करोड़ महिलाओं को कहीं रोजगार नहीं मिल रहा है‌। समूह से जुड़े महिलाओं को कर्ज नहीं मिल रहा है, जरूरतमंद महिलाएं कर्ज के लिए माइक्रोफाइनेंस कंपनीयों के महंगे ब्याज के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं और कर्ज की बोझ में दबी महिलाएं आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आ रही हैं।
राज्य उपाध्यक्ष मंजू प्रकाश ने कहा का महिला का शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार का प्रश्न और सबसे बढ़कर उनका सुरक्षा और सम्मान का प्रश्न, संविधान प्रदत्त अधिकार का प्रश्न आदि पर दो दिनों तक बहस-मुहासिब कर ऐपवा आंदोलन का रूख अख्तियार करेगी।

बैठक में बिहार के 25 से अधिक जिले की महिला कार्यकर्ता भी आग ले रही हैं। समस्तीपुर ऐपवा जिला अध्यक्ष बंदना सिंह, सचिव मनीषा कुमारी, सह सचिव प्रमिला राय, नीलम देवी आदि बैठक में शामिल होकर जिले में चलाये गये आंदोलन का रिपोर्ट प्रस्तुत की जिस पर बहस-मुहासिब कर अगले दिन आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।