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आदर्श मर रहा है चिंता तो कीजिए, विमर्श घट रहा है चिंता तो कीजिए, किसको खबर है इन वैचारिक घोटालों का, अरबों गबन हुआ है, चिंता तो कीजिए…

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दूरबीन न्यूज डेस्क। आदर्श मर रहा है चिंता तो कीजिए, विमर्श घट रहा है चिंता तो कीजिए, किसको खबर है इन वैचारिक घोटालों का, अरबों गबन हुआ है, चिंता तो कीजिए..। कुसुम पाण्डेय स्मृति साहित्य संस्थान के तत्वावधान में केन्द्रीय विद्यालय समस्तीपुर के निकट स्थित कुसुम सदन काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नरेश कुमार विकल एवं संचालन गजलकार प्रवीण कुमार चुन्नू ने किया। वहीं आगत अतिथियों का स्वागत डॉ. रामेश गौरीश ने की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध गज़लकार डॉ चित्त रंजन प्रसाद सिंह व चांद मुसाफिर तथा प्रोफेसर हरि नारायण सिंह हरि विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार पाण्डेय ने जुलाई महिने में उत्पन्न हिन्दी साहित्य के आधार स्तम्भ को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। डॉ राम सूरत दास द्वारा मां सरस्वती की आराधना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कवियत्री स्मृति झा की रचना आदर्श मर रहा है चिंता तो कीजिए, विमर्श घट रहा है चिंता तो कीजिए, किसको खबर है इन वैचारिक घोटालों का, अरबों गबन हुआ है, चिंता तो कीजिए की प्रस्तुति की खूब सराहना की गयी।इस दौरान सावन की फुहार, भोलेनाथ को समर्पित भजन के अलावा गजल, हास्य व्यंग, रोमांटिक एवं पर्यावरण संबंधी रचनाओं सहित लव मैरिज की फैलती बिमारी पर करुण भोजपुरी गीत और मैथिली तथा बज्जिका की रचनाएं आकर्षण के केंद्र रहीं।

मौके पर डॉ राम सूरत प्रियदर्शी, राज कुमार चौधरी, शिवेंद्र कुमार पाण्डेय, भुवनेश्वर मिश्र, दिनेश प्रसाद, रामाश्रय राय राकेश, राजकुमार राय राजेश, विष्णु कुमार केडिया, प्रवीण कुमार चुन्नू, डॉ सुनील कुमार चम्पारणी, दीपक कुमार श्रीवास्तव, राम लखन यादव, आचार्य परमानंद प्रभाकर, नरेंद्र कुमार सिंह त्यागी, मो अयूब अंसार, मो नूर इस्लाम,शुभम कुमार, डॉ परमानंद लाभ, आफताब समस्तीपुरी, डॉ चित्त रंजन प्रसाद सिंह आदि की रचनाएं खूब पसंद की गई। धन्यवाद ज्ञापन वरदान महादेव ने किया।

 

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