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दूरबीन न्यूज डेस्क। स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम कर्मियों को FRAS विधि से उपस्थित का विरोध, कर्मियों से महासंघ ने किया निबंधन नही कराने की अपील। स्वास्थ्य विभाग में NHM कर्मियों के लिए बाध्यकारी स्मार्टफोन के माध्यम से FRAS विधि से हाजिरी दर्ज कराने की भेदभाव पूर्ण आदेश का बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ कड़ा विरोध किया है।
संघ व महासंघ के महामंत्री सुबेश सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 06 जुलाई के जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया तथा ज्ञापन में भी प्रमुखता से स्थान दिया गया। उन्होंने कहा कि साथियों, चिकित्सा संघ में राज्य के 30,000 स्वास्थ्य कर्मियों का भरोसा है। इस भरोसे के कारण स्वास्थ्य कर्मियों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
NHM कर्मियों को ग़लत कदम उठा सरकारी दमन चक्र का शिकार बनते हम नहीं देख सकते। सर्व विदित है कि राज्य में महिला स्वास्थ्य कर्मी विपरीत परिस्थितियों में कार्य करतीं हैं। अधिकांश HSC जहां महिला स्वास्थ्य कर्मी काम करती हैं, वहां अपना भवन नहीं है, कोई आवासीय सुविधा नहीं है। शौचालय तथा स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं है। अस्थाई केन्द्रो पर टीकाकरण होता है।
ऐसी परिस्थिति में में NHM कर्मचारियों पर बाध्यकारी FRAS विधि से हाजिरी दर्ज कराने का निर्णय हमारी समझ से अव्यवहारिक तथा अविवेकपूर्ण है। चिकित्सा संघ ऐसे आदेश का पुरजोर विरोध करता है। सात जुलाई की संध्या में इस विषय पर आयोजित संघ के राज्य सचिव मंडल की आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि दिनांक 08 जुलाई 24 से सभी NHM कर्मचारी HRMS – FRAS में निबंधन नहीं कराएंगे।
साथ ही पूर्व की भांति पंजी पर उपस्थिति दर्ज करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। 08 जुलाई 24 से अगले निर्णय तक चिकित्सा संघ राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश के विरोध में सभी स्तरों पर काला बिल्ला लगाकर कार्य करेगा। संघ राज्य स्वास्थ्य समिति से मांग करता है कि तत्काल इस अव्यवहारिक तथा अविवेकपूर्ण आदेश को वापस लिया जाए तथा सभी HSC पर महिला कर्मियों के लिए मानवीय बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए। अन्यथा बाध्य होकर संघ को हड़ताल जैसी कार्रवाई करना हमारी बाध्यता होगी।
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