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दूरबीन न्यूज डेस्क। बिहार से पहली बार पांच महिला लोकसभा पहुची, एनडीए की महिला प्रत्याशी ने पायी शतप्रतिशत सफलता। देश की मजबूती के लिए केंद्र में बनने वाली सरकार में बिहार की पांच नारी शक्ति का योगदान होगा। जिसमें इस बार वर्षो बाद बिहार से एनडीए से चार एवं इंडिया गठबंधन से एक महिला जीतकर दिल्ली की सदन में पहुंची है। बिहार बंटवारे के लगभग पच्चीस वर्षों के बाद सूबे से पांच महिला सांसद दिल्ली गयी हैं। इसके पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में बिहार से 5 महिला सांसद बनी थी।
हालांकि, तब बिहार और झारखंड एक थे। राज्य के बंटवारे के बाद यह पहला अवसर है जब एक साथ 5 महिला जीत हासिल कर लोकसभा पहुंच रही हैं। वर्ष 2019 में वीणा देवी, रमा देवी और कविता सिंह ने जीत प्राप्त की थी। इस बार महिलाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस चुनाव में 39 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं।
महागठबंधन ने छह उम्मीदवार को टिकट दिया था, जबकि एनडीए ने चार महिला उम्मीदवार उतारे थे। एनडीए की महिला प्रत्याशियों ने शत-प्रतिशत जीत हासिल की। वहीं, राजद से मात्र लालू यादव की बड़ी बेटी ने जीत हासिल की। जबकि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा था।
जितने वाली महिला उम्मीदवार में राजद से मीसा भारती को पाटलिपुत्र से विजयी मिली, जबकि राजद ने रोहिणी आचार्य को सारण से, रितु जायसवाल को शिवहर से, बीमा भारती को पूर्णिया से, अर्चना रविदास को जमुई से और अनिता देवी को नवादा से टिकट दिया गया था। लेकिन, केवल मीसा भारती को ही जीत मिली।
वही एनडीए की ओर से जदयू ने विजय लक्ष्मी कुशवाहा को सिवान से एवं लवली आनंद को शिवहर से उम्मीदवार बनाया था दोनों ने जीत हासिल कर नारी सशक्तिकरण का उदाहरण बनी।
जबकि लोजपा रामविलास की पार्टी से वैशाली से बीना देवी को एवं समस्तीपुर सुरक्षित सीट से आचार्य किशोर कुणाल की बहू शांभवी को उम्मीदवार बनाया था और दोनों सीट पर यह विजय रही।
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