पटना, दूरबीन न्यूज डेस्क। प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल से अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि 1 अप्रैल, 2024 के बाद किसी भी परिस्थिति में अतिथि शिक्षकों की सेवा नहीं ली जाए। निदेशक ने कहा है कि राज्यभर में 94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति के बाद इन अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या 51, दिनांक 25.01. 2018 का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। संदर्भित संकल्प में किये गये प्रावधान के अनुसार अतिथि शिक्षकों की सेवा शिक्षक नियोजन होने तक ली जानी थी।
राज्य सरकार के इस निर्णय के अनुसार तीन हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की सेवा 31 मार्च के बाद खत्म हो जाएगी। मालूम हो कि 25 जनवरी, 2018 यानी छह साल से विभिन्न जिलों में कार्यरत ये शिक्षक अचानक बेरोजगार हो जाएंगे। इस फैसले के बाद कई अतिथि शिक्षकों ने दुख जताया है और इस पर विचार करने की मांग की है।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साल 2018 में अतिथि शिक्षकों को रखा गया था। जिलावार स्कूलों की सूची जारी गई थी और जिन स्कूल में जिस विषय के शिक्षक नहीं थे, वहां इन्हें रखा गया था। 2018 में 5440 अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता महसूस की गयी।
लगभग 4200 अतिथि शिक्षकों की सेवा ली गयी। बीच-बीच में इनकी सेवा समाप्त भी होती गयी। इन अतिथि शिक्षकों ने भी नियोजित शिक्षकों की तर्ज पर नियुक्ति की मांग की थी। वे चाह रहे थे कि उन्हें भी सक्षमता परीक्षा लेकर स्थायी तौर पर शिक्षक बनने का अवसर मिले।
वर्तमान में नौवीं और 10वीं के लिए 37 हजार 847 और 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए 56हजार 891 शिक्षकों अर्थात कुल 94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति कर ली गयी है। यही नहीं, उन्हें विद्यालयों में पदस्थापित भी किया जा चुका है। वे अपने-अपने विद्यालयों में कार्यरत हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाये रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
निदेशक ने कहा कि ऐसे में 1 अप्रैल से उनकी सेवा नहीं ली जाए। यही नहीं उन्होंने इस संबंध में अपने जिले में कोई अतिथि शिक्षक नहीं होने का प्रमाण पत्र देने को कहा है। विभाग को यह प्रमाण पत्र 3 अप्रैल तक भेजने का निर्देश दिया गया है। सा. एचएच।