मुजफ्फरपुर। पुलिस अधिकारी बनकर पुत्र या करीबी की गिरफ्तारी का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले गैंग के छह शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें तीन दरभंगा, दो मोतिहारी और एक मुजफ्फरपुर का है। अपनों की गिरफ्तारी, परीक्षा पास कराने का
झांसा के अलावा अलग-अलग तरीकों से इस गिरोह ने 103 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की है। शातिरों ने बिहार के अलावा ठगी के रुपए पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत तीन देशों के बैंक खातों में भेजे हैं। (cyber crime)
एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि एक महीने में इस गिरोह ने 103 करोड़ 48 लाख रुपए की साइबर ठगी की है। तीन देशों के खाते में ठगी के रुपए भेजे गए हैं। मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में लगातार बेटे या करीबी की गिरफ्तारी की बात बताकर पुलिस के नाम पर अलग-अलग बैंक एकाउंट में रुपए मंगाने का खेल चल रहा था।
मामले में साइबर पुलिस की टीम ने दरभंगा, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में छापेमारी कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में दरभंगा के कमतौल थाना के बरमपुर के अंकित कुमार व रौशन कुमार, रतनपुर का दीपक कुमार, मोतिहारी के तुरकौलिया थाना के सरैया मुन्नी इनार का अरशद आलम व अमजद आलम, साहेबगंज का निवासी जितेंद्र कुमार शामिल हैं। इसमें अरशद मास्टरमाइंड है।
बताया कि शातिरों के पास से चार लैपटॉप, 19 पासबुक, आठ चेकबुक, चार आधार कार्ड, 17 एटीएम कार्ड, 13 अकाउंट ओपनिंग किट, पांच पैन कार्ड, चार सिम कार्ड, सात मोबाइल बरामद हुए है। ठगी के 15 लाख सीज कराए गए हैं।
ठगी के खुलासे के लिए बनी एसआईटी को लीड कर रहीं साइबर डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि गोला रोड के राकेश कुमार से उनके पुत्र की गिरफ्तारी का झांसा देकर तीन दिन पहले 75 हजार रुपए की ठगी की गई थी। अकाउंट और कॉल को ट्रेस करने के बाद पहले साहेबगंज स्थित कोचिंग संचालक के भाई जितेंद्र को पकड़ा गया। उससे पूछताछ में गिरोह के अन्य शातिरों की भूमिका सामने आई। तब मास्टरमाइंड अरशद सहित छह शातिर पकड़े गए।
पिता को कॉल के समय पुत्र का नंबर रखता था होल्ड
बिहार में पहली बार साइबर ठगी में पाकिस्तान और बांग्लादेश का गठजोड़ सामने आया है। मुजफ्फरपुर की साइबर पुलिस टीम की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाली जानकारी हासिल हुई हैं। फिलहाल, पुलिस गोपनीय तरीके से जांच में जुटी है। ठगी के लिए पिता को कॉल करने के दौरान पुत्र के मोबाइल को साइबर शातिर होल्ड करा देते थे।