समस्तीपुर। शिवाजीनगर (shivajinagar) प्रखंड अंतर्गत बंधार गांव के श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित पांच दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ में भीड़ उमड़ पड़ी है। यज्ञ के चौथे दिन प्रवचन में सर्व मंगला काली सिमरिया धाम से पधारे स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि यज्ञ का अर्थ श्रेष्ठ कर्म होता है। यज्ञ की सुकर्म करने से शिक्षा मानव को मिलती है।
यज्ञ विश्व को श्रेष्ठ बनाता है और मानव का कल्याण इसी से होता है। स्वामी जी ने शिव को औढरदानी बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य कर्मशील तथा भोग शील है। लेकिन मनुष्य सुकर्मो द्वारा इस संसार को स्वर्ग मय बना सकता है। समस्त जीव आहार, निद्रा, भय, बुद्धि, बल से संसार का श्रेष्ठ प्राणी माना जाता है।
मनुष्य अपने श्रेष्ठ गुणों से ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त करता है और शिव गौड़ी का प्रिय बन सकता है। उन्होंने कहा की पुराणों के अनुसार एक ही शक्ति तीन रूपों में सृष्टि का संचालन करते है। ब्रह्मदेव सृष्टि के निर्माण, भगवान बिष्णु पालन पोषण और शिव संहार करते है।
उनके प्रवचन सुनकर परिसर में मौजूद श्रद्धालु आनंदित हो उठे और बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती की जयकारे लगा रहे थे। मौके पर मुख्य जजमान पंचायत समिति देवेंद्र कुमार चौधरी पत्नी रीता देवी, नंदकुमार चौधरी, प्रभात कुमार चौधरी, शिवेंद्र चौधरी, राम शंकर चौधरी, उदय चौधरी, अमरेन्द्र पाठक, अमरनाथ चौधरी, पप्पू चौधरी ग्रामीण शामिल थे।