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समस्तीपुर। नगर निगम समस्तीपुर में शामिल हुए 16 नए वार्डों में नगर निगम प्रशासन होल्डिंग कायम किए बिना ही होल्डिंग टैक्स की वसूली की जा रही है। जबकि प्रावधान के अनुसार होल्डिंग टैक्स की वसूली से पहले होल्डिंग कायम करना आवश्यक है। फिर भी नगर निगम प्रशासन प्रावधान को दरकिनार कर बिना होल्डिंग कायम किए होल्डिंग टैक्स की वसूली करा रहा है।
उक्त नए वार्डों में नगर निगम बनने के बाद से अभी तक होल्डिंग कायम नहीं किया गया है। जिनका होल्डिंग कायम नहीं किया गया है उन्हें होल्डिंग टैक्स लेने के बाद जो रसीद जारी की जाती है उसमें होल्डिंग न कि जगह उनका आईडी न दर्ज रहता है। नगर निगम शहर के सभी पुराने व नए वार्डों के कुल 47 वार्डों में होल्डिंग टैक्स की वसूली कराने का ठेका एक निजी एजेंसी को दे रखा है। जिसकी कार्य प्रणाली को लेकर खुद नगर निगम के कर विभाग के कर्मी ही सवाल उठा रहे हैं।
इस संबंध में नगर निगम के टैक्स दारोगा भूपेंद्र कुमार सिंह से पूछा गया तो उनका यही जवाब मिला कि होल्डिंग टैक्स की वसूली से पहले होल्डिंग कायम करना आवश्यक है। बिना होल्डिंग कायम किए होल्डिंग टैक्स की वसूली करना उचित नहीं है। वैसे विशेष परिस्थिति में उनसे होल्डिंग टैक्स ले सकते हैं। बिना होल्डिंग कायम वाले टैक्स पेयर को तात्कालिक रूप से तकनीकी दिक्क्क्त होती है। वे अगली बार ऑनलाइन होल्डिंग टैक्स जमा नहीं कर सकते हैं।
उन्हें ऑफलाइन होल्डिंग टैक्स जमा करना होगा जब तक उनका होल्डिंग कायम नहीं होता। मेयर अनिता राम ने बताया कि नियम तो है कि पहले होल्डिंग कायम हो तब होल्डिंग टैक्स की वसूली की जाय। लेकिन बिना होल्डिंग कायम किए बिना भी तात्कालिक रूप से होल्डिंग टैक्स की वसूली नगर निगम कर सकता है। बाद में होल्डिंग टैक्स होल्डर्स की जांच पड़ताल के बाद होल्डिंग भी कायम कर दिया जाता है।
मेयर ने यह भी कहा कि उन्होंने तो 16 नए वार्डों में पिछले दो सालों का लिया गया टैक्स माफी का अनुरोध सरकार से कर रखा है। ज्ञात हो कि नए वार्डों में होल्डिंग टैक्स की वसूली की वैधता को लेकर नगर निगम से लेकर नगर निगम बोर्ड की बैठक तक में वार्ड पार्षदों से लेकर विधायक व विधान पार्षद तक सवाल खड़े कर रहे हैं। ये सभी इस मुद्दे पर लगातार विरोध कर रहे हैं। सा. एचएच।