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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्या के मामले में पूर्व विधायक  मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुनाई उम्रकैद की सजा

दूरबीन न्यूज डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्या के मामले में पूर्व विधायक  मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुनाई उम्रकैद की सजा। पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद और उनके अंगरक्षक लक्षमेश्वर शाहू की हत्या के मामले में पूर्व विधायक विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि, शीर्ष अदालत ने 26 साल पुराने इस केस में पूर्व सांसद सूरजभान, राजन तिवारी सहित 5 आरोपियों को बरी किए जाने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।

जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर. महादेवन की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को हत्या और हत्या के प्रयास के जुर्म में दोषी ठहराने के लिए अभियोजन पक्ष के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। ऐसे में दोषी मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बहाल किया जाता है। पीठ ने दोनों दोषियों को दो सप्ताह के भीतर संबंधित जेल में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। दोनों को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ पीठ ने 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी भूपेंद्र नाथ दुबे और कैप्टन सुनील सिंह की मौत हो चुकी है, इसलिए हमें उनके खिलाफ सबूतों पर विचार करने की जरूरत नहीं है। पीठ ने इसी तरह एक अन्य आरोपी शशि कुमार राय के बारे में भी साक्ष्यों पर विचार नहीं किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित रहने के दौरान उसकी मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सीबीआई और बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी व पूर्व सांसद रमा देवी की ओर से दाखिल अपील का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।

पटना उच्च न्यायालय ने 2014 में मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी, सूरजभान सिंह, मुकेश सिंह, राजन तिवारी, लल्लन सिंह और रामनिरंजन चौधरी और शशि कुमार राय को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी।