दूरबीन न्यूज डेस्क। मिल्लत कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में यातायात जागरूकता हेतु विविध कार्यक्रम आयोजन।मिल्लत कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में यातायात जागरूकता के उद्देश्य से जागरूकता रैली एवं सड़कों पर अभियान चलाकर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने आदि संबंधित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानाचार्य प्रो इफ्तेखार अहमद, एनएसनस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सोनी शर्मा, प्रो महेश चन्द्र मिश्रा, डॉ सुनीता झा, डॉ मुदस्सर हसन भट्ट, डॉ जमशेद आलम, डॉ शाहनवाज आलम, डॉ अब्दुस सलाम जिलानी, डॉ मुन्ना शाह, डॉ अमृता प्रियदर्शनी, डॉ विजय शंकर पंडित, डॉ जावेद अख्तर, राधा नारायण, डॉ जोहा सिद्दीकी, डॉ शगुफ्ता निगार, डॉ उजमा नाज, डॉ शैलेश मिश्रा आदि शिक्षक, मुजफ्फर जिलाउद्दीन, पूनम कुमारी, साजिद इकबाल, रवि कुमार आदि शिक्षकेतर कर्मचारी, वरिष्ठ स्वयंसेवक मो आकिब, सल्तनत अंजुम, जिन खातून, ताहिरा फिरदौस, मो. आरिफ, मो. नूरूल, मो. शबुद्दीन, महजबी परवीन, दरखसा परवीन, सबा तबस्सुम, मंतशा तबस्सुम, नबिया,उजमा, नूर जबी, आएशा सिद्दकी, सानिया अनवर, आशा नाज, आएशा इसरफील, फैज, फरहत, फातिमा, हनीफा, आलिया, हेरम आदि सहित 60 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
यातायात जागरूकता रैली को रवाना करते हुए प्रधानाचार्य प्रो इफ्तेखार अहमद ने कहा कि आज से 20 वर्ष पहले दरभंगा जैसे शहरों में यातायात की कोई समस्या नहीं थी। तेज गति से बढ़ती वाहनों की बढ़ती संख्या तथा जगह-जगह सड़कों के एंक्रोचमेंट ने यातायात समस्या को अधिक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि बेखौफ जिक-जैक एवं स्टाइलिस्ट वाहन संचालन से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं विशिष्ट वक्ता के रूप में भौतिकी के विभागाध्यक्ष प्रो महेश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि तेज गति से बढ़ रही शहरी जनसंख्या, आरामदायक जीवन शैली, थोड़ी दूर भी पैदल न चलने तथा साइकिलों के घटते प्रयोग ट्रैफिक समस्या एवं सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में एनएसएस के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि यातायात संबंधी प्रावधानों का यदि हम पूर्णतः कर्तव्य पूर्वक पालन करेंगे तो सड़क यातायात सुरक्षित होंगे तथा दूसरों के अधिकारों का भी हनन नहीं होगा। भारतवर्ष में प्रतिवर्ष लगभग साढे चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। दुखद बात यह है कि इनमें 50% से अधिक मौतें सर्वाधिक क्षमतावान मानव संसाधन- युवाओं की होती है। उन्होंने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे नवालिकों को वाहन न चलाने देने, मद्यपान कर गाड़ी न चलने, पैदल चलने हेतु फुटपाथ का प्रयोग करने, गाड़ी चलाते समय बातें न करने, हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग करने, ओवरलोडिंग न करने, सुरक्षित एवं संयमित यात्रा करने, मूरते समय सही संकेत देने आदि संबंधी नियमों की जानकारी आमलोगों को देकर जागरूक करें।
इस अवसर पर कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सोनी शर्मा के नेतृत्व में यातायात जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें स्वयंसेवकों ने अनेक प्रेरक नारे लगाते हुए आमलोगों को भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। अंत में स्वयंसेवकों ने सड़कों पर आकर लोगों को बायें से चलने, तेज वाहन को रास्ता देने, हेलमेट तथा सीट बेल्ट लगाने, पैदल यात्री को फुटपाथ का प्रयोग करने, हेडफोन लगाकर यात्रा न करने, वृद्धों, विकलांगों एवं बच्चों का हाथ पकड़ कर चलने या सड़क पार करने तथा सड़कों को खेल का मैदान या निजी संपत्ति न बनाने हेतु बार-बार आग्रह कर जागरूक किया।