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समस्तीपुर ज़िले के सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर ड्योढ़ी में होती माता भगवती की पूजा अर्चना

दूरबीन न्यूज डेस्क। समस्तीपुर ज़िले के सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर ड्योढ़ी में होती माता भगवती की पूजा अर्चना।समस्तीपुर ज़िले के सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर ड्योढ़ी वार्ड 2 में माता भगवती की पूजा अर्चना सालो भर की जाती है। इसकी पूजा श्रद्धालुओं के साथ पंडित विनोद झा मंत्रोउच्चरण के साथ विधिवत करते हैं । यह पूजा सालों भर चलता है ।अक्टूबर के महीने में होने वाले दशहरा पर्व को लेकर कलश स्थापना के दिन से ही विधिवत पूजा की शुरुआत की जाती है। माता दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है।

माता भगवती बनाने की तैयारी भी की जाती है। बाहर से कलाकारों को बुलाया जाता है ।सप्तमी के दिन माता दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा होती है ।अष्टमी के दिन कुमारी कन्याओं का खीर भोजन कराया जाता है। जबकि नवमी को बलि प्रदान और दसवीं को हवन होता है। प्रतिमा को नरघोघि में पोखर में बिसर्जन किया जाता है बताया जाता है यह कई सालों पूर्व से ज़िले में पहली बार इस पूजा की शुरुआत की गई थी। इनके पूर्वज नरहन स्टेट के थे ।जो जिला में इकलौता राजा हुआ करते थे। उन्हीं के वंशज रामचंद्रपुर ड्योढ़ी पूजा कमिटि के सदस्य हरिनाथ प्रसाद सिंह सहित अन्य श्रद्धालुओ का कहना है कि यह माता का प्रतिमा साक्षात माता भगवती का रूप है । यहां के एक जमींदार एक राजा बाबू हुआ करते थे।

जिन्होंने पोखर की खुदाई शुरू की तो खुदाई में गलती से मजदूर का कुदाल प्रतिमा में लग गया । एक हाथ कटने के बाद पूरा पोखर खून से पोखर लहू लोहान हो गया । लोगों को चिंता होने लगी बाहर से पंडित और आचार्य को बुलाकर माता भगवती की पूजा की शुरुआत कर किसी तरह उन्हें हुई गलती पर क्षमा मांग कर उन्हें काफी समय के बाद मनाया गया। ग्रामीणों ने बगल में ही प्रतिमा को स्थापित किया तब से श्रद्धालुओं ने उनकी सालों भर पूजा करने लगे । दशहरा में माता दुर्गा की प्रतिमा भी लगाकर विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ पूजा की जाती है। इसकी विधि मंत्र उच्चारण के साथ करते हैं। पूजा कमेटी के सदस्यों ने कहा कि हमारे पूर्वज का कहना है कि जो लोग इस माता की प्रतिमा का पूजा का अनादर करते हैं।

या धार्मिक भावना को लेकर अन्य श्रद्धालुओं को ठेस पहुंचाते हैं उनके घर में कोई बड़ी घटना या अनहोनी अक्सर हो जाती है। दुखी होने पर श्रद्धालू फिर से उनकी पूजा की विधिवत शुरुआत कर क्षमा मांग कर शुरु करने लगते है ।लोग श्रद्धा भावना से पूजा करते हैं। दूर-दूर से लोग देश-विदेश से के यहां जाकर मन स्व मन्नत मांगने पर जरूर उनकी मन की मुराद पूरी करती है माता। और प्रसाद भी चढाते है। दुर्गा पूजा कमेटी में पशुपतिनाथ प्रसाद सिंह ,रामकुमार प्रसाद सिंह, संतोष कुमार सिंह ,अशोक कुमार सिंह ज्योति कुमार सिंह उर्फ बालाजी,

रविराज कुमार सिंह ,चंद्रबिंदु कुमार सिंह ,नवीन कुमार सिंह ,नरेंद्र सिंह, राघवेंद्र सिंह , गौरव कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह,अनिल कुमार सिंह ,सुनील कुमार सिंह ,शुशील कुमार सिंह, नितेश कुमार सिंह, आशीष कुमार, ,रंजीत कुमार सिंह, चंदा देवी , शीला देवी, कामिनी देवी, पूजा कुमारी, राजकुमार ,गौतम कुमार सिंह, घनश्याम प्रसाद सिंह ,चंदन कुमार सहित अन्य श्रद्धालु इस पूजा को सफल बनाने में मुख्य भागीदारी में रहते हैं