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स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण, इसे अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाएं

दूरबीन न्यूज डेस्क। स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण, इसे अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की स्नातकोत्तर एनएसएस इकाई के द्वारा विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभाग में स्वच्छता पखवाड़ा के तहत ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न पीजी विभागों के छात्र- छात्राओं, स्वयंसेवकों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो प्रेम मोहन मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, स्नातकोत्तर एनएसएस इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सोनू राम शंकर, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत संचालित बी एड रेगुलर इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ उदय कुमार, रसायनशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ अभिषेक राय और डॉ आकांक्षा उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

इम्पल्स कोटा के निदेशक राजेश झा आदि ने भी सक्रिय पूर्वक इस अभियान में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
अभियान के दौरान स्वयंसेवकों को विभिन्न कचरों की पहचान, जैविक और अजैविक कचरों के पृथक्करण और उनके उचित निपटान के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया। छात्रों ने सीखा कि जैविक कचरे को कैसे खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और अजैविक कचरे को पुनः उपयोग या पुनर्चक्रण के लिए कैसे अलग किया जा सकता है? एनएसएस स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया और स्वच्छता के महत्व को समझते हुए इसे व्यवहार में लाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में पार्थेनियम (गाजर घास) की समस्या पर विशेष ध्यान दिया गया।

इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के बाद स्वयंसेवकों और उपस्थित सदस्यों ने मिलकर परिसर से इस घास को हटाया। इस अवसर पर डॉ आर एन चौरसिया ने स्वच्छता अभियान के प्रति अपना सकारात्मक संदेश देते हुए कहा कि स्वच्छता हमारे समाज में दर्पण सदृश्य है। जैसी स्वच्छता होगी वैसा ही हमारा समाज भी दिखेगा। जिस प्रकार हम अपने शरीर और घर को साफ रखते हैं, वैसे ही हमें अपने परिवेश और परिसरों को भी स्वच्छ रखना चाहिए। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव भी रखता है। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों एवं स्टाफों को इस दिशा में निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। डॉ उदय कुमार ने स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा गांधी स्वच्छता को स्वाधीनता से भी अधिक महत्वपूर्ण मानते थे और अपने जीवन में स्वच्छता के सभी नियमों का स्वयं पालन भी करते थे।


प्रो प्रेम मोहन मिश्रा ने भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमें स्वच्छता को अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने गाजर घास से होने वाले हानियों को विस्तार से बताते हुए उसे परिसर से पूरी तरह नष्ट करने का आह्वान किया। प्रो मिश्रा ने इस तरह के अभियानों को नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि सम्पूर्ण परिसर और पूरा समाज स्वच्छ और हरा-भरा बना रहे।

इस कार्यक्रम में अक्षय कुमार झा, आशीष रंजन, कैलाश झा, रिचा कुमारी, प्रेरणा प्रगति, विवेक भारती, समीर मिश्रा, पद्मा श्री, सुबोध साहू, अविनाश कुमार, बाल्मीकि यादव, रश्मि कुमारी, समरेश कुमार, विकास कुमार, रामचंद्र मंडल, भोला कुमार, सुनील कुमार, कमोद कुमार, कैलाश ठाकुर, मोहम्मद चांद, अंजली कुमारी, प्रियंका प्रियदर्शी, लवली कुमारी, अंबिका सोनी, रूविना परवीन, मुस्कान कुमारी, मौसमी कुमारी, आसिफा सईद तथा सौरव सुरेखा आदि की सक्रियता सराहनीय रही।