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शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा में दो एचएम व एक दलाल गिरफ्तार, शिक्षक बहाली की जांच के क्रम में हुई गिरफ्तारी

दूरबीन न्यूज डेस्क। बहाली फर्जीवाड़ा में दो एचएम व एक दलाल गिरफ्तार, शिक्षक बहाली की जांच के क्रम में हुई गिरफ्तारी। शक्षक की बहाली में गड़बड़ी मामले की जांच के क्रम में प्रशासन ने दो एचएम, एक शिक्षक और एक दलाल को नगर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। विदित हो कि अपर समाहर्ता आपदा राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की जांच टीम ने फर्जी तरीके से बहाली मामले की जांच के क्रम में विभूतिपुर प्रखंड के संदेह के घेरे में आये स्कूलों के एचएम व शिक्षकों को जांच के लिए बुलाया था।

जानकारी के अनुसार, विभूतिपुर प्रखंड के पुरूषोत्तमपुर प्राथमिक विद्यालय के एचएम दिलीप राम से पूछताछ में प्रशासन की टीम को शक हुआ। जिसके बाद उससे कड़ाई से पूछताछ की गयी तो पता चला कि उसके साथ गलत तरीके से शिक्षक की बहाली कराने में दलाल की भूमिका निभाने वाला परवेज भी आया है। जिसके बाद अधिकारियों ने उसे भी बुलाया। इसके अलावा शिक्षक दिलीप राम का सहयोग करने के आरोप में प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया के एचएम अविनाश कुमार टंडन को भी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर नगर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया।

इस संबंध में अपर समाहर्ता राजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन की टीम शिक्षक बहाली में गडबड़ी की गंभीरता से जांच कर रही है। पूर्व के डीएम ने जांच कमेटी का गठन किया था। पूछताछ में पुरूषोत्तमपुर प्राथमिक विद्यालय के एचएम दिलीप राम ने गुमराह करने का प्रयास किया। उसी क्रम में गहन पूछताछ में परवेज नाम के दलाल के माध्यम से निकहत परवीन की बहाली कराने का मामला पता चला। नवटोलिया प्राथमिक विद्यालय के एचएम अविनाश कुमार टंडन ने कार्यालय में दिलीप राम की पैरवी कर रहा था। उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़ा हुई है। अभी गलत तरीके से कितने लोगों की बहाली हुई है इसकी संख्या जांच के बाद ही बताया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि इसमें कोई गिरोह काम कर रहा था। इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की भी भूमिका की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर ही कुछ बताया जा सकेगा।

कलेक्ट्रेट में थी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
शिक्षक बहाली में जांच को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर रखी थी। विभूतिपुर प्रखंड के जिन 18 स्कूलों के एचएम को बहाली से संबंधित सभी कागजात के साथ बुलाया गया था, उन सभी को पुलिस की कड़ी निगरानी में रखा गया था। किसी को कमरे से बाहर जाने की भी अनुमति नहीं थी। जांच की कार्रवाई के दौरान शिक्षा विभाग के भी कई अधिकारी उपस्थित थे।