कलेक्ट्रेट परिसर एवं आस पास में कार्यरत महिला एवं पुरुष कर्मियों के बच्चों को उनके कार्य अवधि में छह माह से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को रखने की निशुल्क व्यवस्था की गयी है। पालना घर एक ऐसी सुविधा है, जिसमें कामकाजी महिला एवं पुरुष अपने पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को अपने कार्य के दौरान छोड़ कर जाते हैं तथा यहां बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उचित वातावरण उपलब्ध होता है।मौके पर आईसीडीएस के पदाधिकारी व अन्य मौजूद थे।
पालना घर में छह महीने से लेकर पांच साल के बच्चों को रखने की सुविधा है। बच्चों की देखरेख के लिए एक क्रेच वर्कर और एक क्रेच हेल्पर हैं। बच्चों को खाना या दूध देना है, तो इंडक्शन और केटल की सुविधा भी है। पालना घर सुबह 930 बजे से लेकर शाम 630 बजे तक खुले रहते हैं। छह महीने से एक साल के बच्चों के लिए क्रेच है, जबकि इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए छोटा-सा बेड भी दिया गया है। इसमें कुल 10 बच्चों को एक साथ रखने की सुविधा है। पालना घर के दीवारों पर नंबर, अल्फाबेट से लेकर स्वर-व्यंजन अंकित किये गये हैं। बच्चों के खेलने के लिए खिलौने भी हैं।