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बिहार टेक्सटाइल नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही, राज्य और बाहर के 22 निवेशकों ने बिहार के वस्त्र उद्योग में निवेश की जतायी इच्छा

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दूरबीन न्यूज डेस्क। बिहार टेक्सटाइल नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही, राज्य और बाहर के 22 निवेशकों ने बिहार के वस्त्र उद्योग में निवेश की जतायी इच्छा। वहीं गया, भागलपुर, नालंदा, नवादा और पटना में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट केंद्र खुलेगा। इससे राज्य के वस्त्रत्त् उद्योग को नया विस्तार मिलेगा। वस्त्र निवेशक सम्मेलन की समाप्ति के बाद शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में केंद्रीय वस्त्रत्त् मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार टेक्सटाइल नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेगूसराय में निफ्ट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी) खुलेगा। मुजफ्फरपुर और बेतिया के बाद बेगूसराय राज्य का तीसरा टेक्सटाइल क्लस्टर होगा। बेगूसराय में खुलने वाला निफ्ट पटना के बाद बिहार में दूसरा निफ्ट होगा। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत महिलाएं वस्त्र उद्योग में काम करती हैं। इसलिए बिहार की डेढ़ करोड़ जीविका दीदियां यहां वस्त्र उद्योग की ग्रोथ इंजन बनेंगी।

2024-25 में देश में 5 करोड़ लोगों को वस्त्र उद्योग के माध्यम से रोजगार देने का लक्ष्य है। देश में अब वस्त्र उद्योग 176 बिलियन डॉलर का है। इसे बढ़ा कर 350 बिलियन डॉलर करना है। बिहार सहित ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में वस्त्र उद्योग को विस्तार देने के लिए कदम उठाए जाएंगे। राज्य के स्कूली बच्चों के 4 हजार करोड़ मूल्य की स्कूल ड्रेस का निर्माण यहां के वस्त्र उद्योग में ही होगा। वस्त्र उद्योग को लाभ मिलेगा।

वस्त्र मंत्रालय की सचिव रचना शाह ने कहा बिहार इस क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए आदर्श स्थिति में है, क्योंकि यहां कुशल कार्यबल, प्रचुर मात्रा में कच्चा माल व सहायक औद्योगिक नीतियां उपलब्ध हैं। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक कहा कि निवेशकों के अनुकूल नीतियां हैं। इसमें अतिरिक्त पूंजी निवेश सब्सिडी, रोजगार सृजन सब्सिडी, माल भाड़ा प्रतिपूर्ति, बिजली दर सब्सिडी, नीति अवधि को 5 से 7 साल तक बढ़ाना, प्रोत्साहनों की मात्रा में वृद्धि व इकाई श्रेणीकरण को हटाना शामिल है।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्र और बिहार सरकार निवेशकों को पूरा सहयोग देगी। उद्योग स्थापित करने के लिए यहां श्रमिक, पानी और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि निवेशक सम्मेलन का मकसद राज्य के वस्त्र क्षेत्र में विशाल संभावनाओं को दिखाना, निवेश आकर्षित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। इस दौरान उन्होंने उन्नत तकनीक के लिए सरकार की पहलुओं पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।

एपरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि कुल निर्यात में सूबे की हिस्सेदारी कम है पर बिहार की नई नीति का उद्देश्य वस्त्र क्षेत्र के लिए विभिन्न समर्थन कर इसे बढ़ाना है। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव रोहित कंसल, निदेशक अनिल कुमार, पंजाब के विशेष मुख्य सचिव वीके सिंह व विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक थे।

सम्मेलन में भारत और विदेश से 100 से अधिक टेक्सटाइल औद्योगिक इकाइयों की उपस्थिति रही। प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इसमें शाही एक्सपोर्ट्स के जे डी गिरी, अरविंद मिल्स के अंकुर त्रिवेदी, पर्ल ग्लोबल के पल्लब बनर्जी, ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड के सुधीर ढींगरा, रिलायंस के अजय सरदाना और अन्य शामिल हैं। रिचा ग्लोबल के वीरेन उप्पल ने बताया कि 50 करोड़ रुपये तक की राशि का निवेश करेंगे। जल्द ही इकाई स्थापित कर 2025 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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