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दूरबीन न्यूज डेस्क। बाप ने मोबाइल देखने से किया मना तो बेटे ने कर ली सुसाइड। बिहार के सुपौल जिले से मोबाइल देखने से मना करने पर 10वीं के छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बेटे का शव देखकर उसके पिता बेहोश हो गए। यह मामला त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के डपरखा चौक का है।
बताया जा रहा है कि हरिहरपट्टी पंचायत के कुशहा निवासी कामेश यादव का 15 साल का बेटा निरंजन त्रिवेणीगंज में किराये के मकान में रहकर 10वीं की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की जांच जारी है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना बुधवार रात की है। बताया जा रहा है कि छात्र ने अपने कमरे में खिड़की पर गमछा बांधकर फंदा बनाया और फिर उस पर झूल गया। छात्र की मौत के बाद मकान मालिक के परिचित और घर में रह रहे अन्य छात्र निरंजन को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल लेकर आए।
डॉक्टर ने उसकी मौत की पुष्टि की। मौके पर पहुंचे एसडीपीओ विपिन कुमार, थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने तत्काल मृतक छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मृतक छात्र के पिता कामेश यादव और अन्य परिजन अस्पताल आए। बेटे की लाश को देखकर पिता वहीं बेहो हो गए। होश आने पर उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका बेटा 10वीं का छात्र था। वह खट्टर चौक स्थित विनोद यादव के मकान में रहकर बीते डेढ़ साल से त्रिवेणीगंज के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर रहा था।
पिता कामेश यादव ने बताया कि बुधवार को वह अपने बेटे से मिलने शाम के समय उसके मकान पर गए। मकान मालिक ने उन्हें बताया कि उनका बेटा पढ़ाई नहीं करता है और हमेशा मोबाइल देखता है। आज भी वो कोचिंग नहीं गया था।
इस बात पर उन्होंने अपने बेटे को डांटा और उससे मोबाइल ले लिया। फिर पढ़ाई करने को लेकर समझा-बुझाकर वे अपने घर लौट गए। कुछ घंटे बाद ही उन्हें बेटे के सुसाइड की करने की खबर आयी।
सुसाइड समस्या का समाधान नही: मोबाइल इन दिनों हर घर की बड़ी समस्या बन गयी है। बच्चों में यह नशा के रूप में फैल गया है। दूरबीन न्यूज खासकर बच्चों से अपील करता है कि सुसाइड कोई समस्या का समाधान नही है। इसलिए समस्या का समाधान होना चाहिए। हर समस्या का समाधान है।