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दूरबीन न्यूज डेस्क। अब निजी अस्पताल भी सरकार के एचएमआईएस पोर्टल पर अपनी सेवा को करेंगे अपलोड। समस्तीपुर जिले में संचालित निजी अस्पतालों के द्वारा मरीजों को दी जाने वाली सुविधा का ब्यौरा भी एचएमआइ्रएस बेव पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। ताकि भारत सरकार को यह पता चल सकें कि संस्थागत प्रसव एवं परिवार कल्याण से जुड़े सेवा कितने लोगों को उपलब्ध कराया गया।
इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी। जिसमें निजी अस्पताल के संचालकों, डॉक्टरों को इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी। कार्यशाला के दौरान जिले के लगभग 30 निजी अस्पताल के डॉक्टर व नोडल अधिकारी ही शामिल हो सके।
इस कड़ी में जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी आलोक कुमार, डीपीसी डॉ. आदित्य नाथ झा, डीसीएम अनीता कुमारी, जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार व जिला इपिडिमियो लॉजिस्ट आरिफ अली सिद्दीकी ने इसको लेकर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला में बताया गया कि एनएफएचएस पांच के अनुसार सरकारी संस्थान में 72 प्रतिशत तथा निजी अस्पताल में 11 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होता है, जबकि एचएमआईएस 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में 88 प्रतिशत एवं प्राईवेट अस्पतालों में सात प्रतिशत प्रसव होता है।
वहीं परिवार कल्याण के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम में महिला बंध्याकरण में एचएफएचएस पांच के अनुसार सरकारी अस्पतालों में 59.6 प्रतिशत तथा प्राईवेट अस्पतालों में 40.4 प्रतिशत, जबकि एचएमआईएस 2023-24 के अनुसार सरकारी अस्पतालों में 94 प्रतिशत एवं प्राइवेट अस्पतालों में मात्र 6 प्रतिशत परिवार नियोजन ऑपरेशन होता है।
इस लिए निजी अस्पतालों के द्वारा किए गए संस्थागत प्रसव तथा परिवार नियोजन ऑपरेशन के आकंड़ों को भारत सरकार के एचएमआईएस वेब पोर्टल पर प्राईवेट अस्पतालों के द्वारा कैसे अपलोड किया जाना है। इसके अपलोड करने से भारत सरकार को सही आंकड़ा मिलेगा। वही वंचित लोगो को ढूंढने में भी आसानी होगी।