यहां क्लीक कर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े
दूरबीन न्यूज डेस्क। मुजफ्फरपुर किडनी कांड में आरोपी डॉक्टर को कोर्ट ने दी सात साल की सजा।मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी कांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी डॉ. पवन कुमार को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है।
दरअसल गर्भाशय के ऑपरेशन के दौरान सकरा थाना के बाजी राउत गांव की सुनीता देवी की दोनों किडनियां निकालने के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद डा. पवन कुमार को दोषी करार देते हुए अलग अलग धाराओं में पांच साल और दो साल कि सजा सुनाई है।
इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (9) अजय कुमार मल्ल की विशेष कोर्ट (एससी/एसटी एक्ट) ने उसे दोषी ठहराते हुए 18 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक (एससी/एसटी एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि विशेष कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई होने के बाद कुल सात साल कि सजा सुनाई गई है।
इस मामले के मुख्य आरोपित डा. आरके सिंह अब तक फरार है। उसके खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है। बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में ही तीन सितंबर 2022 सुनीता के गर्भाशय का आपरेशन किया गया था। यह क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार का बताया गया है।
वहीं कोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता सुनीता देवी ने कहा कि न्यायालय पर मेरा भरोसा है लेकिन फैसला से संतुष्ट नहीं हूं। उन्होने कहा कि मेरी मौत तो निश्चित है लेकिन आरोपी को भी फांसी मिले। साथ ही कहा कि किडनी के बदले किडनी मिले। मेरा जीवन बर्बाद हो गया है। मेरा बच्चा मेरी जिंदगी में ही अनाथ हो गया है। वहीं इलाज कर रहे डॉक्टरों का आभार जताते हुए कहा कि उनकी वजह से ही मैं अभी तक जीवित हूं।
आपको बता दें 5 सितंबर 2022 को सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया। 7 सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गई हैं। इससे पहले पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई 2022 को डा. पवन के क्लीनिक में उपचार शुरू हुआ। गर्भाशय निकालने के लिए आपरेशन कराने की सलाह दी गई। इसके लिए उससे 20 हजार रुपये जमा कराए गए थे। और फिर झोलाछाप डॉक्टर ने उनकी दोनों किडनी निकाल लीं।
समस्तीपुर मंडल में चला विशेष टिकट चेकिंग जाँच अभियान 4258 यात्री धराया