यहां क्लीक कर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े
दूरबीन न्यूज डेस्क। नालंदा में पीएम मोदी ने कहा, आगामी 25 साल देश के युवाओं के लिए है काफी अहम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का लोकार्पण किया। इस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किताबें जल सकती हैं, लेकिन ज्ञान नहीं नष्ट हो सकता है।
उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि हमारा देश मानव मूल्यों को संरक्षित करता है और जानता है कि इतिहास को कैसे पुनर्वजीवित किया जाता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आगामी 25 साल देश के युवाओं के लिए काफी अहम हैं।
उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में सहयोग के लिए सहयोगी देशों का धन्यवाद भी किया। पीएम ने कहा कि बिहार जिस तरह से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है, नालंदा यूनिवर्सिटी का यह कैंपस उसी की प्रेरणा है।
नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा का अर्थ ‘न अलं ददाति इति नालंदा’, यानी जहां शिक्षा और ज्ञान का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा सीमाओं से परे है। इसे नफा नुकसान के नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है।
पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और राष्ट्रीयता देखकर नहीं होता था। हर देश और हर वर्ग के युवा यहां आते थे। हमें उसी तरह नए परिसर को भी गति देनी है। कई देशों से यहां स्टूडेंट्स आने लगे हैं और 20 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
आने वाले समय में नालंदा यूनिवर्सिटी विभिन्न देशों की संस्कृति के आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र बनेगी। यहां भारत और दक्षिण एशियाई देशों के आर्टवर्क पर काफी काम हो रहा है। इसके अलावा कई अन्य काम हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इतने कम समय में कई बड़े वैश्विक संस्थान नालंदा विश्वविद्यालय में एक साथ आए। इस साझा प्रयास से साझी प्रगति को नई ऊर्जा मिलेगी। भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है। हम सीखते हैं, ताकि हमारे ज्ञान से मानवता का भला कर सकें।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में कार्य योजनाओं पर हुई चर्चा