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राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए किया जाएगा शहबाज के नाम का अनुशंसा 

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दूरबीन न्यूज डेस्क। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए किया जाएगा शहबाज के नाम का अनुशंसा। समस्तीपुर मुजफ्फरपुर रेलखंड पर सूझबूझ से ट्रेन हादसा को रोकने वाले किशोर मो. शहबाज को रेल प्रशासन के द्वारा पुरस्कृत किया गया। साथ ही राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए उसके नामों की अनुसंशा की जाएगी।

रेल मंडल मुख्यालय स्थित मंथन सभाकक्ष में डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने मो. शहबाज को स्कूल बैग, महापुरुषों की जीवन आधारित प्रेरक पुस्तकें आदि देकर सम्मानित किया। इस दौरान डीआरएम ने कहा कि शहबाज की सूझबूझ व नागरिक कर्तव्य का उदाहरण दिया है। इतनी कम उम्र का बच्चा उसने टूटी पटरी देख लिया और इतनी सूझबूझ थी कि लाल रंग का कपड़ा लहराया और ड्राइवर ने ट्रेन रोक दिया।

मैं चाहता हूं कि यह एक माध्यम बने, संदेश बने, देश के सभी बच्चों व युवाओं के लिए। सभी नागरिकों को अपनी जवाबदेही भी होती है। इसके लिए सजग रहने की जरुरत है। जब भी देश की सुरक्षा की बात आए तो उचित कदम उठाने की जरुरत है। शहबाज की कहानी देश के सभी बच्चे के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने।

शहबाज को प्रेरित के लिए तीन महापुरुषों में महात्मा गांधी, बीआर अंबेदकर एवं स्टीफन हॉकिंस वैज्ञानिक की जीवनी की पुस्तकें दी है। ताकि अपने जीवन में और बेहतर कार्य देशहीत में कर सकें। इस अवसर पर मो. शहबाज के पिता मो. शकील भी उपस्थित थे। जिन्हें अपने बच्चे पर गर्व था। मौके पर एडीआरएम आलोक कुमार झा, सीनियर डीईएन कोर्डिनेशन संजय कुमार, सीनियर डीपीओ राजीव रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कर्मियों का काम देख मिली थी प्रेरणा: शहबाज को रेल हादसा रोकने के तरीके के बारे में रेल कर्मियों के कार्यों को देख प्रेरणा मिली। घटना के बारे में मो शहबाज ने बताया कि वह अपने पिता को नाश्ता देकर रेल पटली के किनारे से वापस घर लौट रहा था, इसी दौरान पटरी क्रेक देखा। साथ ही सामने से ट्रेन आते देखा तो वह डर गया। जिसके कारण वह गिर भी गया। फिर अपने पास रखे लाल रंग का गमझा को लहराने लगा।

जिसे देख चालक ने ट्रेन रोक दी। हालांकि तब तक इंजन टूटरी पटरी पार कर चुका था। फिर चालक ने उसके पास आकर पूछा तो पटरी टूटने की जानकारी दी। जिसके बाद उसे मरम्मत कर ट्रेन को ले जाया गया। शहबाज ने बताया कि वह आते जाते देखता है कि जब पटरी पर काम होता है तो मजदूर लाल झंडा लगा देते हैं। ताकि ट्रेन नहीं आए। यही देख हमने भी लाल रंग को गमछा लहरा दिया।

एक जून की सुबह टूटी थी पटरी: समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेल खंड पर एक जून की सुबह मथुरापुर निवासी शहबाज अपने पिता को नाश्ता देकर वापस लौट रहा था। इसी दौरान न्यू धर्मपुर कॉलोनी के पास रेलवे पटरी टूटी मिली। जिसके बाद उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए लाल कपड़ा देकर हावड़ा से

काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस को रोक दिया और दुर्घटना का शिकार होने से बचा लिया। इसके बाद ट्रेन के गार्ड, चालक ने शहबाज से पूछताछ किया और टूटी पटरी को देखा। फिर इसकी सूचना कंट्रोल को दिया गया। जिसके बाद पटरी को मरम्मत कर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।

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