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चौथे चरण में बिहार पर है देश की नजर,  दो केंद्रीय मंत्री व दो जदयू मंत्री की प्रतिष्ठा है दांव पर, 13 को जनता लेगी निर्णय

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दूरबीन न्यूज डेस्क। चौथे चरण में बिहार पर है देश की नजर,  दो केंद्रीय मंत्री व दो जदयू मंत्री की प्रतिष्ठा है दांव पर, 13 को जनता लेगी निर्णय। बिहार में चौथे चरण के चुनाव पर देश-प्रदेश की नजरें टिकी हैं।

इस चरण में भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह (बेगूसराय) और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (उजियारपुर) तथा जदयू के दिग्गज नेता राजीव रंजन सिर्फ उर्फ ललन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है।

जबकि समस्तीपुर में जदयू के दो-दो मंत्री की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। जहां महेश्वर हजारी के पुत्र सनी हजारी महागठबंधन से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी एनडीए की ओर से लोजपा रामविलास की पार्टी से उम्मीदवार हैं।

दोनों मंत्री अपने-अपने संतानों को लेकर पूरी ताकत झोंक चुके हैं। विदित हो कि जदयू मंत्री पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर भी संभाल चुके हैं।

चौथे चरण की सीटों पर चुनाव प्रचार के खत्म हो चुका है। चौथे चरण में पांच सीटों में मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर (सु.), उजियारपुर और दरभंगा में 13 मई को मतदान है। सभी सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है। वर्तमान में यह सभी सीट पर एनडीए के हिस्से में ही है।

पांच में से चार सीटों पर दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार पहली बार आमने-सामने हैं। सिर्फ एक सीट उजियारपुर में भाजपा के नित्यानंद राय और राजद के आलोक कुमार मेहता के बीच दूसरी बार टक्कर है। इससे पहले भी 2014  में भी ये दोनों चुनाव मैदान में आमने सामने हुए थे। नित्यानंद राय की जीत हुई थी। नित्यानंद राय के सामने जीत बरकरार रखते हुए हैट्रिक लगाने की चुनौती है।

गिरिराज सिंह ने 2014 का चुनाव नवादा से और 2019 का चुनाव बेगूसराय से जीते हैं। पिछले चुनाव में गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को हराया था। इस बार बेगूसराय में उनके सामने भाकपा के अवधेश राय हैं।

दोनों के बीच पहली बार मुकाबला हो रहा है। दोनों के बीच सीधी टक्कर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सभा कर चुके हैं।

वही 2019 में मुंगेर से जीत चुके जदयू प्रत्याशी ललन सिंह की टक्कर राजद की अनीता देवी से है, जो पहली बार चुनाव मैदान में हैं। यहां भी ललन सिंह की की प्रतिष्ठा दांव पर है। जिनके पक्ष में एनडीए के कई दिग्गजों ने अपनी सभाकर माहौल को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास कर चुके हैं।

जबकि दरभंगा में भाजपा के मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर के सामने राजद के पूर्व मंत्री ललित यादव हैं। दोनों पहली बार आमने-सामने हैं। ललित पांच बार के विधायक हैं। वर्ष 2019 में दरभंगा में गोपालजी ठाकुर ने राजद के पूर्व मंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी को हराया था। गोपाल जी ठाकुर के लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सभा कर जनता से आशीर्वाद देने की अपील की है।

समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा के चुनाव पर भी देश भर की निगाहें हैं। यहां जदयू के दो मंत्रियों के बेटे-बेटी चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। यहां से ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी लोजपा (आर) तो सूचना एवं

जनसम्पर्क मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सनी हजारी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। इन दोनों ही युवा उम्मीदवारों का यह पहला चुनाव है। जहां नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, चिराग पासवान, संजय झा ने एनडीए के समक्ष प्रचार किए हैं।

जबकि कांग्रेस उम्मीदवार सनी हजारी के पक्ष में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वीआईपी के मुकेश सहनी जैसे दिग्गज नेता चुनावी सभा कर चुके हैं।

इन सभी सीटों पर 13 मई को जनता अपना निर्णय लेते हुए मतदान करेगी। जनता के निर्णय को लेकर अभी प्रत्याशियों में भी असमंजस की स्थिति है कि ऊंट किस करवट बैठेगा।

चौथे चरण में कुल 55 उम्मीदवारों में 51 पुरुष और 3 महिला प्रत्याशी हैं। दरभंगा में 8, उजियारपुर में 13, समस्तीपुर में 12, बेगूसराय में 10 और मुंगेर में 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

बिहार के इन पांच लोकसभा क्षेत्र में चुनाव कराने को लेकर के मतदान कर्मी भी बूथ पर पहुंच चुके हैं। बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को लगाया गया है ताकि शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो सके।

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