समस्तीपुर। कुसुम पाण्डेय स्मृति साहित्य संस्थान के तत्वावधान में मगरदही स्थित कुसुम सदन परिसर में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। आगत अतिथियों का स्वागत डॉ रामेश गौरीश ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ नरेश कुमार विकल तथा संचालन प्रवीण कुमार चुन्नू ने किया। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में राम पुनीत ठाकुर तरुण तथा पूर्व रेल राजभाषा अधिकारी भुवनेश्वर मिश्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार पाण्डेय ने फरवरी माह में उत्पन्न हिन्दी साहित्य के आधार स्तम्भ के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चर्चित गायिका रंजना लता के द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। इस कड़ी में भुवनेश्वर मिश्र की प्रस्तुति- सताओ मत मेरे प्रियतम, विरह के गीत गा गा कर, तुम्हारी याद अक्सर रात को बेचैन करती है।
वही राज कुमार राय राजेश की रचना – हाथे झोला कांधे कम्बल, मुंह बना गमगीन सा, पीठ पर आसीन बक्सा, हाल पीठासीन का, को दर्शको ने खूब सराहा। इस दौरान कवियों ने होली, हास्य व्यंग, ग़ज़ल, रोमांटिक, भक्ति परक रचनाएं तथा भोजपुरी, मैथिली, बज्जिका, उर्दू भाषा के गीत कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहीं। कार्यक्रम के मध्य में डॉ परमानंद लाभ की नवीनतम कृति लक्ष्मी नारायण का लोकार्पण किया गया।
मौके पर राम लखन यादव, ईं अजीत कुमार सिंह, दिनेश प्रसाद, शुभम कुमार, शिवेंद्र कुमार पाण्डेय, प्रवीण कुमार चुन्नू, डॉ राम सूरत प्रियदर्शी, राज कुमार चौधरी, रीता वर्मा, डॉ अशोक कुमार सिन्हा , रामाश्रय राय राकेश, दीपक कुमार श्रीवास्तव, विष्णु कुमार केडिया, काविश जमाली, ओम प्रकाश ओम, प्रिंस कुमार, आचार्य परमानंद प्रभाकर, आफताब समस्तीपुरी, अमलेन्दु कुमार त्रियार, डॉ राम पुनीत ठाकुर तरुण, मो मुकीम अंसारी, डॉ रामेश गौरीश आदि रचनाकारों को खूब पसंद किया गया। कार्यक्रम का समापन आयुष्मान प्रकाश द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।