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मिथिला ज्ञान की धरती, जन्म लेने को देवता भी हैं तरसते, देवी भागवत कथा श्रवण करने वाला परमपद पाता है : योगेश प्रभाकर जी महाराज

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समस्तीपुर/विद्यापतिनगर। प्रखंड अंतर्गत मऊ लंगड़ा ढाला शिव मंदिर के समीप श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार की देर शाम व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए श्रीधाम वृन्दावन के कथा व्यास आचार्य श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में एक बार देवी भागवत पुराण कथा का श्रवण कर लेता है। वह परमपद पाता है।

उसके जीवन में अकाल मृत्यु व दरिद्रता का प्रवेश नहीं होता है। माता भगवती भवबंधन को काटती हैं। उन्होंने कहा कि मति और गति भगवान के चरणों में हो तो सब कुछ संभव हो जाता है। सत्यसंग में शोक से दूरी और परिवार का उत्थान होता है। सत्यसंग से जीवन में परिवर्तन होता है। यदि जीवन में शांति चाहते हैं तो सत्यसंग कीजिए। आचार्य श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज ने पराम्बा श्री जगदम्बा भगवती दुर्गा जी के पवित्र आख्यानों से युक्त इस पुराण में वर्णित श्लोकों की सुरम्य प्रस्तुति के बीच कहा कि मिथिला ज्ञान की धरती है।

मिथिला की पावन धरती पर जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं। कहा कि मन ही जीव के पतन और मोक्ष का कारण है। श्रीमद् देवी भागवत् पवित्रतम पुराण के आख्यान सुनकर श्रोता भक्ति भाव में लीन दिखे। वहीं योगेश प्रभाकर जी ने अपनी संगीतमय भजनों कलाई पकड़ लो मां पकड़ता न कोई…, ऐ पहुनां मिथिला में रहूं ना…, भज नारायण का नाम रे… आदि की प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। इससे पहले यज्ञमान पदमाकर सिंह लाला व उनकी धर्मपत्नी सोनी सिंह ने श्रीमद् देवी भागवत,व्यास पीठ, व्यास जी व आचार्य पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करते हुए मंगल आरती कर कथा शुरु करवाया।

मंगल आरती को लेकर भक्त श्रद्धालुओं की भारी संख्या उमड़ी थीं। मऊ बाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में स्थापित माता के अद्भुत विग्रह के 21 वर्ष पूरे होने व भव्य मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पांचवे दिन प्रधान आचार्य श्री गोविंदाचार्य जी महाराज के निर्देशन में आचार्य अभिषेक मिश्रा, आचार्य गोपाल मिश्रा आदि दर्जन भर पुरोहितों ने वैदिक विधान पूजन संपन्न करवाया।

यज्ञशाला में यज्ञमान अर्जुन प्रसाद सिंह, रामबिहारी सिंह पप्पू व बेबी देवी, नवीन सिंह व वंदना देवी तथा पदमाकर सिंह लाला व सोनी सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञदेव का अनुष्ठान किया। यज्ञ के यज्ञमान यज्ञशाला में स्थापित प्रधान कलश व वेदी पूजन कर इलाके के सुख शांति और समृद्धि की कामना के बीच वैदिक विधान के साथ यज्ञ अनुष्ठान कर रहे हैं। उधर भारी संख्या में भक्त श्रद्धालु लाल-पीले पारंपरिक वस्त्र धारण कर यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। इस दौरान पूरा इलाका दुर्गा माता, मां चण्डी व सीताराम सीताराम के जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्ति रस में सराबोर हो रहा हैं।

सीताराम नाम धुनी संकीर्तन नवाह यज्ञ व आचार्य परमानंद शास्त्री जी महाराज द्वारा श्री राम चरित मानस नवाह पारायण यज्ञ के दौरान राम वन गमन की प्रस्तुति के दौरान श्रद्धालु भाव विह्वल हुए। पुरानी दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में आयोजित इस महायज्ञ में सचिव अर्जुन प्रसाद सिंह, अध्यक्ष राज कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष गोविंद मिश्र, विमल प्रसाद सिंह, रामदयाल झा, सुदर्शन सिंह, रामाधार झा, प्रवीण सिंह कारू, मुखिया दिनेश प्रसाद सिंह, रजनीश झा, राजेश रौशन, शिवदानी सिंह झप्पू, संतोष सिंह, सुबोध सिंह सहित ग्राम वासी तत्पर हैं।