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सदर अस्पताल के डॉक्टर करते हैं मनमौजी, सीएस ने कहा जब जनहित में कार्य नही करेंगे तो उनके रहने से क्या फायदा, मांगी रिपोर्ट

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समस्तीपुर। अब सदर अस्पताल के डॉक्टरों के कार्यों की समीक्षा अलग से होगी। इसको लेकर उनके कार्यों की गणना भी की जाएगी। डीएम योगेंद्र सिंह के निर्देश के बाद अब सदर अस्पताल में कार्यरत सभी डॉक्टरों की अलग से रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें महीने में उनकी ड्यूटी आवर, ड्यूटी रोस्टर, ओपीडी, इमरजेंसी, आईपीडी आदि ड्यूटी की समीक्षा की जाएगी। इसको लेकर सीएस डॉ. एसके चौधरी ने भी अस्पताल प्रबंधक को सभी डॉक्टरों के कार्यों की पूरी रिपोर्ट बनाने का आदेश दिया है।

जिसमें सभी डॉक्टरों के नाम के आगे उनके किए गए कार्यों की पूरी डिटेल होगी। सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय प्रकोष्ठ में नोडल अधिकारियों एवं कर्मियों की बैठक हुई। लेकिन कई नोडल अधिकारी बैठक में नही पहुच सके। इसकी अध्यक्षता करते हुए सीएस डॉ. एसके चौधरी ने कहा कि जो डॉक्टर जनहीत में कार्य नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के रहने से क्या फायदा है। कोई एक से दो दिन आते हैं तो कोई चार दिन। यह कैसी व्यवस्था है।

जवाब तो आगे हमको देना होता है। सीएस ने इसको लेकर अस्पताल प्रबंधक विश्वजीत रामानंद को सभी डॉक्टरों के द्वारा किए गए कार्यों की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का सख्त आदेश दिया। ताकि कार्यों की समीक्षा की जा सके। समीक्षा के दौरान सदर अस्पताल के इमरजेंसी, ओटी, प्रसव कक्ष, एसएनसीयू व पीकू वार्ड, ओपीडी आदि में किए गए कार्यों की समीक्षा की गयी। सीएस ने कहा कि अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण कार्य को लेकर समीक्षा की गयी है।

इसमें बेहतर सुधार की जरुरत को देखते हुए सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ताकि अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि इसमें जो भी डॉक्टर कोताही बरतेंगे,  उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मौके पर उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार, डॉ. सुमित कुमार, डॉ. आशुतोष कुमार, डीसीक्यूए डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के अलावे पीरामल के भी कर्मी उपस्थित थे।