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कारोबारी हत्याकांड : समस्तीपुर से शूटर बुलाकर दोस्तों ने करायी हत्या, प्रोटेक्शन गैंग में वर्चस्व में हुई घटना

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मुजफ्फरपुर। मिठनपुरा के रामबाग में तीन दिनों पहले मीट कारोबारी मो. अफरोज की हत्या प्रोटेक्शन गैंग में वर्चस्व के विवाद में की गई थी। सरैयागंज इलाके के दानिश ने मौसेरे भाई मो.जफरान उर्फ भोलू को समस्तीपुर के चकनूर से बुलवाकर हत्या कराई। एक लाख रुपये की सुपारी में शूटर को हत्या के लिए 30 हजार रुपये नकद दिए गए थे। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए शूटर मो.जफरान समेत पांच को गिरफ्तार किया है। मुख्य साजिशकर्ता दानिश और हत्या के समय बाइक चला रहा सकरा का प्रिंस फरार है। एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि अफरोज की हत्या में गिरफ्तार शूटर जाफरान के अलावा साजिश व रेकी में शामिल समस्तीपुर नगर थाना के गंडक कॉलोनी निवासी ओम प्रकाश, माड़ीपुर हम्जा कॉलोनी के अब्दुल्लाह, रामबाग चौड़ी मोहल्ला के इरशाद अहमद और महाराजी पोखर के सन्नी उर्फ सुलेमान को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

एसएसपी ने कहा कि प्रोटेक्शन गैंग के बीच आपसी रंजिश, प्रतिस्पर्धा व झगड़े में घटना को अंजाम दिया गया है। पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ एक बाइक और 9 मोबाइल जब्त किए गए हैं। एसएसपी ने बताया कि एएसपी नगर अवधेश दीक्षित के नेतृत्व में डीआईयू प्रभारी लालकिशोर, मिठनपुरा थानेदार राकेश कुमार की टीम ने 36 घंटे में खुलासा करते हुए शूटर व साजिश में यामिल अन्य को गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने बताया कि स्कूली बच्चों (दसवीं-बारहवीं) के बीच आपसी विवाद में कभी-कभी मारपीट हो जाती है। ऐसे में बदला लेने के लिए वे प्रोटेक्शन गैंग की सेवा लेते हैं।

एक से दो हजार रुपये देकर प्रतिद्वंदी अथवा दूसरे गुट के छात्र को घेरकर प्रोटेक्शन गैंग के सदस्य से पिटवाते हैं। रुपये देने वाला छात्र गैंग के प्रोटेक्शन में आ गया तो उसकी किसी से लड़ाई होने पर गैंग के लड़ाके उसके लिए चौक-चौराहों पर खड़े रहेंगे। एसएसपी ने बताया कि हत्या का मुख्य साजिशकर्ता दानिश के अलावा आरोपित अब्दुल्लाह, इरशाद और अफरोज आपस में मित्र थे। सभी अलग-अलग प्रोटेक्शन गैंग चलाते थे। दानिश से जुड़े कई लड़कों को अफरोज के गैंग ने पीट दिया था। हत्या से पांच दिनों पहले भी अफरोज के गैंग ने एक स्कूली छात्र की पिटाई कर उसकी बाइक क्षतिग्रस्त कर दी थी।

जिसकी पिटाई की गई थी, उसे दानिश का गैंग प्रोटेक्शन दे रहा था। इसलिए दानिश ने अन्य साथियों को मिलाकर अफरोज को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। एसएसपी ने बताया कि हत्या की सुपारी में 30 हजार देने के लिए दानिश और अन्य आरोपितों ने आपस में चंदा किया। किसी ने आठ हजार तो किसी ने पांच हजार रुपये दिए। समस्तीपुर से शूटर को बुलाने के बाद उसे पुरानी बाजार के एक होटल में ठहराया गया। उसे होटल में शराब और अन्य सामान दिए गए। तीन दिन से होटल में ठहरे शूटर ने अफरोज की रेकी की। हत्या के दिन तीन युवकों ने लाइनर का काम किया।

इसके बाद होटल से निकले शूटर वारदात कर पूसा रोड होकर समस्तीपुर भाग गया। समस्तीपुर के चकनूर का शूटर मो. जफरान हाल में जेल से छूटा था। एसएसपी ने बताया कि जफरान के खिलाफ समस्तीपुर, वैशाली और सीतामढ़ी में आपराधिक कांड दर्ज हैं। वहीं साजिशकर्ता दानिश भी कचहरी में विचाराधीन बंदी सूरज की हत्या में जेल जा चुका है। माड़ीपुर निवासी अब्दुल्लाह पुलिस की नौकरी में जाना चाहता था। बीते दिनों बीपीएससी से हुई दारोगा भर्ती परीक्षा भी दी थी।

उसे परीक्षा में पास होने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन, अब हत्याकांड में जेल जाने के बाद उसकी दारोगा बहाली की उम्मीद खत्म हो गई है। एसएसपी ने बताया कि मृतक अफरोज व अन्य प्रोटेक्शन गैंग प्रतिदिन के ब्याज पर भी कर्ज देते थे। इसमें कर्ज लेने वाले को मूलधन की दोगुनी राशि तक भुगतान करना पड़ता था। कर्ज में दिए गए रुपये व ब्याज वसूलने के लिए भी अफरोज से कई लोगों की लड़ाई हो चुकी थी।