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समस्तीपुर। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा में “विकसित भारत @ 2047” विषय पर प्रधानाचार्य डा दिलीप कुमार की अध्यक्षता में पैनल चर्चा आयोजित की गई। जिसका संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष डा विकास सिंह ने किया। प्रधानाचार्य ने अध्यक्षीय उद्बोधन में विकसित भारत के स्वप्न पर विस्तार से चर्चा की। डा विकास सिंह ने लोकतंत्र के जनक भारत की संकल्पना के साथ सांस्कृतिक उन्नयन एवं भारतीय विदेश नीति की सफलता पर चर्चा की।
कार्यक्रम की नोडल पदाधिकारी डा सुनीता कुमारी ने विषय प्रवेश एवं अभ्यागतों का स्वागत करते हुए युवाओं से विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने की अपील की। महाविद्यालय के बर्सर डा अवधेश प्रसाद यादव ने कहा कि 1947 से 2047 तक की भारत के विकास की यात्रा बेहद लाभकारी होगी। हिन्दी के विभागाध्यक्ष डा अनुरुद्ध सिंह ने चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया। राजनीति विज्ञान विभाग के डा रवि कुमार राम ने अमृतकाल में ग्रामीण स्तर तक सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की।
विश्वविद्यालय इतिहास विभाग से डा मनीष कुमार ने कहा कि युवाशक्ति विकसित भारत के स्वप्न को आगे लेकर जाएगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की डा साधना शर्मा ने संस्कृत और संस्कृति पर बात रखते हुए भारतीय विद्याओं को आत्मसात करने पर बल दिया। विश्वविद्यालय इतिहास विभाग से डा ज्योति प्रभा ने प्रधानमंत्री के पंच प्रणों की ओर ध्यान खींचते हुए आधारभूत सुविधाओं, उद्योगों, जीवन यापन के उच्च स्तर, विउपनिवेशिकरण, एकता एवं कर्त्तव्य बोध पर व्याख्यान दिया। विश्वविद्यालय वनस्पति शास्त्र विभाग से डा अंकित कुमार सिंह ने अमृतकाल में हुए विज्ञान एवं तकनीकी विकास की ओर ध्यान आकर्षित कर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना पर बल दिया।
विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां की 65% आबादी 35 वर्ष से कम अवस्था की है, जिनके बल पर 2047 तक भारत निश्चित रूपेण विकसित एवं समृद्ध होकर विश्व का सिरमौर बनेगा। प्रत्येक व्यक्ति के समुचित कर्तव्यपालन से ही समाज में समरसता एवं खुशहाली तथा राष्ट्र में समृद्धि एवं विकास आ सकती है। हर व्यवस्था एवं विकास के लिए सरकार के भरोसे हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहना नाइंसाफी होगी। उन्होंने सतत एवं समग्र विकास की संकल्पना पर बल देते हुए युवाओं से विकास का सिर्फ साक्षी नहीं, बल्कि सारथी बने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र सरोज कुमार, अनीश कुमार और छात्राएं अनुकृति, शिल्पी एवं एकता ने विकसित भारत की संकल्पना पर अपने विचार रखे। विकसित भारत @ 2047 के बैनर के साथ छात्रों एवं शिक्षकों ने सेल्फी लेकर इस मुहिम की शुरुआत की। धन्यवाद ज्ञापन वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा एन के झा ने किया। कार्यक्रम में डा गजेन्द्र भारद्वाज सहित प्रमोद, लक्ष्य ठाकुर, आशीष, विवेक, कुणाल, नीलेश, दिव्यांश, आनंद कुमार, सीमा, संगम, सानिया, समरेश, अनिल, फैजल, खुशबू तथा दामिनी आदि एनएसएस के लगभग 50 छात्र – छात्राएं उपस्थित थे।