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समस्तीपुर। टीबी मुक्त भारत के तहत समस्तीपुर में टीबी मरीजों की खोज एवं बेहतर इलाज को लेकर स्टेट टीम के द्वारा निजी अस्पतालों व क्लीनिकों का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य विभाग के एसटीएसयू के डिप्टी टीम लीड संजय कुमार चौहान के नेतृत्व में टीम ने दलसिंहसराय एवं समस्तीपुर शहरी क्षेत्र में निजी क्लीनिकों एवं अस्पतालों में जाकर टीबी मरीजों के इलाज आदि की जानकारी ली। इस कड़ी में सदर अस्पताल के टीबी कार्यालय में भी कर्मियों के साथ कार्यों की समीक्षा की गयी। डिप्टी टीम लीड संजय कुमार चौहान ने बताया कि एक टीबी रोगी अगर नियमित दवा नहीं खाते हैं तो साल में दस मरीजों को संक्रमित कर सकते हैं। टीबी मरीज के ठहाका मारकर हंसने से भी संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।
इस लिए टीबी मरीजों को नियमित रुप से दवा खानें के साथ-साथ सावधानियां भी बरतनी है। इसमें मास्क लगाना, जहां-तहां नहीं थूकना आदि सावधानी बरती है। उन्होंने कहा कि जिले में 256 प्राइवेट डॉक्टर निश्चय अभियान से निबंधित हैं, लेकिन समस्तीपुर में केवल 157 डॉक्टर ही एक्टिव हैं। इसमें दलसिंहसराय की स्थिति काफी खराब है। जिसके कारण वहां का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि टीबी एक ऐसा बीमारी है, जो बाल व नाखून छोड़कर किसी भी अंग में हो सकता है।