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कार्यकता सम्मेलन : हमे कोई भी दल से लेना-देना नहीं, लेकिन जो दल सवर्ण व भूमिहार ब्राह्मण के हित की बात करेगा, हम उसके साथ होंगे

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समस्तीपुर। समस्तीपुर में भूमिहार ब्राह्मण जिला कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन समस्तीपुर के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में जिले भर से सैकड़ो की संख्या में भूमिहार ब्राह्मण समाज से जुड़े लोगों ने कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होकर रणनीति बनायी। इस दौरान भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष क्रांति ने कहा है कि बिहार में सभी जातियों के आयोग का गठन हो जा रहा है, लेकिन सवर्ण आयोग का पुनर्गठन और संवैधानिक दर्जा सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि हमे कोई भी दल से लेना-देना नहीं है। जो दल सवर्ण को सम्मान देगा। जो दल भूमिहार ब्राह्मण के हित की बात करेगा। सवर्ण के अधिकार की बात करेगा। यह समाज भी उनके साथ हर कदम पर अंतिम सांस तक रहेगा। सभा से पूर्व कार्यकर्ताओं ने 51 किलो गेंदे के फूल का पहना कर राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया। साथ ही मुसरीघरारी से कार्यस्थल शहर से दूधपूरा गांव तक बाइक रैली के साथ लाया गया।

उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना राजनीतिक से प्रेरित है। यह फर्जी जाति जनगणना है। बिहार में जातीय जनगणना के बाद दलित, महादलित, पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा समुदाय के लोगों के आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया। लेकिन विडंबना यह है कि सवर्ण लोगों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकार द्वारा आरक्षण में कोई बढ़ोतरी नही की गयी है। सवर्ण को 10% आरक्षण पर ही छोड़ दिया गया है। सरकार को सवर्ण आयोग के दिए गए आरक्षण में भी बढ़ोतरी करनी होगी। इसके लिए सभी लोगों को एकजुट होने की जरूरत है।

मुख्य मांगों में सवर्ण आयोग का पूर्णगठन और संवैधानिक दर्जा। गरीब सवर्ण छात्र को उम्र सीमा और परीक्षा शुल्क में छूट। बिहार के प्रत्येक जिला में परशुराम छात्रावास। राजनीति से प्रेरित फर्जी जाति जनगणना की सीबीआई जांच एवं सवर्ण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार भूमिहार ब्राह्मण वेलफेयर फंड के तहत प्रत्येक वर्ष एक करोड़ का सहयोग करें, शामिल है।

मौके पर डॉ सोनू शर्मा, पुष्कर नारायण सिंह, विशेश्वर ठाकुर उर्फ जिला केसरी,  राजकमल मिट्ठू शर्मा, आशुतोष आजाद, चंद्रभूषण तिवारी, नवीन तिवारी, अमरेंद्र कुमार, कुंदन तिवारी आदि कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान मुख्य रूप से पांच मांगों पर मंथन किया गया। साथ ही इस पर अगली रणनीति भी बनाई गई।