समस्तीपुर। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नगर भवन में सोमवार को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर कार्यशाला सह जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता सीएस डॉ. एसके चौधरी ने की। मुख्य अतिथि के रुप में नगर निगम की मेयर अनिता राम उपस्थित थी। इस दौरान सीएस ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के सभी अस्पतालों को बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। इसमें सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, लैब, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे केंद्र, पशु अस्पताल आदि शामिल है। बिना बायो मेडिकल वेस्ट के अस्पताल संचालन करने वाले के विरुद्ध कड़ी कारवाई के साथ ही अस्पताल व लैब को सील भी किया जा सकता है। इस लिए यह अनिवार्य है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भी लोगों में जागरुकता लानी है। ताकि खुले में एवं सड़क पर मेडिकल कचरा नहीं फेंका जा सके।
नगर आयुक्त विभूतिरंजन चौधरी ने नगर निगम क्षेत्र में मेडिकल कचरा फेंका जाता है। इस लिए सभी अस्पताल संचालक अपनी व्यवस्था सुनिश्चित कर लें, अन्यथा इसके विरुद्ध कारवाई की जाएगी। मौके पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. हेमंत कुमार सिंह के अलावे अन्य अस्पतालों के संचालक व डॉक्टर उपस्थित थे।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के क्लीनिक, नर्सिग होम, अस्पताल, लैब आदि में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था लागू करने के लिए संचालकों को जागरुक करना था। साथ ही जो संचालक अपने अस्पताल व लैब में मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन अब तक नहीं किए हैं, वो शीघ्र ही मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करा सकें।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के क्लीनिक, नर्सिग होम, अस्पताल, लैब आदि में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था लागू करने के लिए संचालकों को जागरुक करना था। साथ ही जो संचालक अपने अस्पताल व लैब में मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन अब तक नहीं किए हैं, वो शीघ्र ही मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करा सकें।
लेकिन कार्यशाला की विडंबना यह रही कि शहर के चंद निजी नर्सिंग होम के संचालक व डॉक्टर की कार्यशाला में उपस्थित हो सके। जबकि जिले भर में लगभग पांच सौ से अधिक निजी अस्पताल संचालित हैं। इसके अलावे शहर से लेकर गांव तक पैथोलॉजी लैब, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पशु अस्पताल की संख्या भी एक हजार से अधिक होगी। जिसके कारण इसका उद्देश्य सफल नहीं हो पाया। कार्यशाला के दौरान निजी अस्पताल संचालकों व लैब संचालकों की उपस्थिति काफी कम देख नगर निगम की मेयर अनिता राम भी बिफर पड़ी। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में काफी संख्या में अस्पताल व लैब का संचालन हो रहा है।
कई बड़े अस्पताल के संचालक व डॉक्टर भी नहीं हैं। मेयर ने सीएस को प्रत्येक महीने निजी अस्पताल व लैब संचालकों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया। ताकि स्वच्छ समस्तीपुर के सपनों को पूरा किया जा सके। साथ ही प्रत्येक महीने मेडिकल कचरा प्रबंधन की भी समीक्षा हो सकें और उन्हें समस्तीपुर को स्वच्छ बनाया जा सके। ऐसा नहीं करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। मेयर ने कहा कि कोई भी अस्पताल या लैब संचालक यह सुनिश्चित करें कि वो सड़क पर मेडिकल कचरा नहीं फेंकेगे।