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स्वास्थ्य विभाग के नाम पर दर्जनों लोगों से लाखों रुपए की हुई ठगी, गिरफ्त में आए युवक से पूछताछ व जांच में जुटी पुलिस

यहां क्लीक कर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

दूरबीन न्यूज डेस्क। स्वास्थ्य विभाग के नाम पर दर्जनों लोगों से लाखों रुपए की हुई ठगी, गिरफ्त में आए युवक से पूछताछ व जांच में जुटी पुलिस। पुलिस के हवाले किए गए आरोपी को समस्तीपुर शहर के पंजाबी कॉलोनी से मंगलवार की सुबह पकड़ा गया। जिसके बाद उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरु कर दी है।

नगर थानाध्यक्ष के अलावे एएसपी स्वयं इस मामले में आरोपी से पूछताछ करने में लगे हैं। फिलहाल गहन पूछताछ की जा रही है। जिसके कारण अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है। पुलिस के गिरफ्त में आए युवक का नाम राजेश रौशन बताया गया है। हालांकि वह अमित पांडे के नाम से भी आधार बनाया है। जिसके कारण पुलिस युवक के सही नाम पता ढूंढने में लगी है। आरोपी युवक मुजफ्फरपुर का बताया गया है, जो फिलहाल पंजाबी कॉलोनी में किराए के मकान में रहता है।

वहीं विभिन्न जिलों से आए पीड़ित भी सुबह से ही थाना पर जमे हैं। ताकि उनके द्वारा दिए गए रुपए वापस किया जा सके। इस संबंध में पटना दुल्हीन बाजार भरतपुरा के निप्पु कुमार, बिहटा कटेसर के दीपक कुमार, पुनपुन के आशुतोष कुमार, भरतपुरा के मनीष कुमार, सत्यम कुमार कोइलवर भोजपुर के सत्यम कुमार आदि ने बताया कि डेढ़ साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग में बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता सह लिपिक के पद पर बहाली कराने के नाम पर राशि लिया था।

प्रत्येक कंडिडेट से पांच से 15 लाख तक की उगाही की गयी। पीड़ितों ने बताया कि उन लोगों के ग्रुप में 25 व्यक्ति है, जिससे यह लाखों रुपए लिया है। इसके अलावे जहानाबाद, रांची, पटना सहित अन्य क्षेत्रों के लगभग दो सौ से अधिक लोगों से रुपए ले चुका है। लोगों ने जमीन के अलावे घर में रखे जेवर बेचकर इसे रुपए दिया। लेकिन सभी अब ठगी का शिकार हो गए। नगर थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। एएसपी सर के स्तर से पूछताछ की जा रही है। इसके बाद अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी नियुक्ति पत्र देकर प्राणा नंबर भी किया जारी: पीड़ितों ने कहा कि फर्जी नियुक्ति पत्र देकर प्राण नंबर भी जारी कर दिया गया। इसके बाद वैशाली के सीएचसी प्रतापटांड सहित विभिन्न अस्पतालों के नाम से नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। सभी की उपस्थिति भी बनायी जा रही थी। लेकिन उन लोगों को कोई पता नहीं चला। जब ट्रेजरी कार्यालय से जानकारी ली गयी तो फर्जीवाड़ा होने का शक हुआ। इसके बाद छह महीने से इसका पीछा कर रहे हैं।

घर से निकलते ही लोगों ने दबोचा: पीड़ित के अनुसार अमित पांडेय उर्फ राजेश कुमार मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। अमित पांडे के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनाए है, असली नाम राजेश रौशन है। जो पंजाबी कॉलोनी में रहता है। छह महीने से पीछा करते हुए इसका पता चला। जब मंगलवार को वह अपनी पत्नी को स्कूल छोड़ने के लिए नौ बजे निकला तो इसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

सरकार के नाम पर भी टाल मटोल: पीड़ितों ने कहा कि डेढ़ साल पहले पैसा दिया गया। लेकिन नौकरी नहीं मिलने पर बहाना बनाता था। यह हमेशा सचिवालय में आता जाता रहता है। इसी बीच सरकार बदल गयी। इसके बाद सरकार बदलने को लेकर टाल मटोल करते रहा। इसके बाद चुनाव का बहाना बनाया। इसके बाद शंका होने पर इसका पीछा करना शुरु किया। लेकिन हर बार यह बच निकलता था।  इसके बाद नंबर ब्लॉक कर दिया। जिससे कोई बातचीत नहीं होती थी।

रिश्तेदार के माध्यम से जुड़े: पीड़ितों ने बताया कि इससे पहली बार बागेश्वर धाम में मुलाकात हुई थी। इसके साथ जहानाबाद का धर्मेंद्र गुप्ता भी साथ था। जहानाबाद के रिश्तेदार के माध्यम से इससे जुड़ा। दुल्हीन बाजार भरतपुरा के निप्पू कुमार ने बताया कि जहानाबाद के रिश्तेदार के माध्यम से मुलाकात हुई। रिश्तेदार से भी चार कैंडिडेट के नाम पर कई लाख रुपए ले चुका है। पीड़ितों ने कहा कि नकद केअलावे मोबाल पर भी पैसा भेजा गया है। जिसका पूरा साक्ष्य है।

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