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विधानसभा में उठा समस्तीपुर सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड बन्द होने का मामला, सरकार के उप सचिव ने सीएस से मांगा जवाब

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समस्तीपुर। सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था एवं बंद पड़े अल्ट्रासाउण्ड व वेंटिलेटर सहित अन्य समस्याओं का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने सीएस जवाब मांगा है। ताकि सदर अस्पताल की वर्तमान स्थिति के बारे में सदन को अवगत कराया जा सकें। इधर, बिहार सरकार के उप सचिव के पत्र आते ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सवालों का जवाब तैयार करना शुरु कर दिया गया है। इसको लेकर सीएस डॉ. एसके चौधरी ने सरकार के उप सचिव के द्वारा पूछे गए सवाल को जवाब तैयार करने का निर्देश डीएस को दिया है। ताकि समय पर जवाब सरकार को उपलब्ध कराया जा सके।

मिली जानकारी के अनुसार सरकार के द्वारा 10 नवंबर को विधासभा में सदन के दौरान सीएस के द्वारा उपलब्ध कराए गए जवाब को प्रस्तुत किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार विभूतिपुर विधायक अजय कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा है कि समस्तीपुर जिला के सदर अस्पताल में वेंटीलेटर एवं अल्ट्रासाउण्ड उपलब्ध है। जबकि डॉक्टर, ऑपरेटर एवं रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। यदि हां तो सरकार उक्त तीनों पदों पर कब तक डॉक्टर, ऑपरेटर व रेडियोलॉजिस्ट पदस्थापित करने का विचार रखती है। नहीं तो क्यों। बतादें कि सदर अस्पताल में पिछले ढाई वर्षों अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र बंद पड़ा है।


अल्ट्रासाउण्ड जांच केंद्र को शुरु करने का आदेश सीएस डॉ. एसके चौधरी द्वारा दिया गया था। 25 सितंबर को ही सीएस ने सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. आरपी मंडल को अल्ट्रासाउण्ड जांच केंद्र को शुरु करने का आदेश दिया था। लेकिन विडंबना यह है कि सीएस के आदेश के बावजूद अल्ट्रासाउण्ड जांच केंद्र शुरु नहीं किया जा सका। जबकि आदेश का एक महीना से अधिक का समय बीत गया। यूं कहें तो सीएस का आदेश ठंडे बस्ते में चला गया।

बिहार सरकार के उप सचिव ने सदर अस्पताल के भवन व डॉक्टरों के बारे में भी जवाब मांगा है। इसके तहत सदर अस्पताल के भवनों की स्थिति, कमरों की संख्या के अलावे सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों की संख्या व नाम को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। साथ ही अस्पताल में उपलब्ध बेडों के अलावे पिछले एक महीने में ओपीडी व आईपीडी व इमरजेंसी मरीजों की संख्या के बारे में भी जवाब मांगा गया है। वहीं दवा भंडार की स्थिति से भी अवगत कराने को कहा गया है।