Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

मनोकामना दुर्गा मंदिर में 175 व्रती कलश स्थापित कर करते हैं पूजा, हर शाम महाआरती में उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़

यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

समस्तीपुर। जिले शिवाजीनगर प्रखंड के मनोकामना दुर्गा मंदिर बेला चौक में खास नियम के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। जिले का यह पहला मंदिर है जहां एक साथ 175 कलश स्थापित कर श्रद्धालुओं के द्वारा दिन रात मां दुर्गा की आराधना की जाती है। यहां की पूजा अर्चना देखते ही बनती है। साथ ही शाम में महा आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर में  विद्वान पंडित के द्वारा स्थापित 175 वर्तियो के द्वारा कलश पूजन करायी जाती है। प्रतिदिन शाम मे महाआरती किया जाता है। मनोकामना दुर्गा मंदिर में नवरात्र प्रारंभ होने के प्रथम दिन से ही 11 मुख्य कलश एवं 164 वर्तियों के द्वारा विधि विधान के साथ स्थापित की गई कलश की पूजा की जा रही है।

यहां प्रथम दिन से लेकर विजयदशमी पूर्णाहुति विसर्जन तक पूजा अर्चना एक साथ सभी व्रतियों के द्वारा किया जाता है। जिसमें श्रद्धापूर्वक वर्ती एवं श्रद्धालु गण भाग लेने मनोकामना दुर्गा मंदिर आते हैं। पूजा समिति के अध्यक्ष रमाकांत मंडल ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व गांव के ही किसी व्यक्ति को मां दुर्गा के द्वारा स्वप्न आया था, की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना किया जाए। जिससे बेला गांव सहित आसपास के इलाका खुशहाल रहेगा। बस तभी से लोग मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना प्रारंभ कर दिया। मां की पूजा अर्चना से गांव एवं आसपास के गांव भी खुशहाल हो रहे हैं।

मनोकामना मंदिर में हो रहे दुर्गा सप्तशती के पाठ से पूरा क्षेत्र भक्ति मय वातावरण में घुल चुका है। सुबह से लेकर रात तक यहां मां  की आराधना में हर एक परिवार के सदस्य जुटे हुए हैं। सभी लोग तन मन धन से मां की आराधना कर रहे हैं। ताकि उनका घर परिवार, समाज, गांव के लोग सुख शांति व समृद्धि प्राप्त कर सके  बता दे कि नवरात्र के पांचवे दिन गुरुवार को माता स्कंदमाता के रूप में  पूजा अर्चना की जा रही है। मौके पर समिति अध्यक्ष रमाकांत मंडल,  सचिन रामकरण मंडल शिक्षक, रामसागर मंडल, शंकर कुमार शिक्षक, मुखिया गजेंद्र प्रसाद सिंह, राम भजन मंडल,

हरे राम मंडल, बाबू प्रसाद सिंह, गंगाराम मंडल, ओम नारायण सिंह, राम शंकर सिंह, हरिनारायण सिंह, महेंद्र नारायण मंडल, देवेश कुमार सिंह, गणेश मंडल,  हेमंत कुमार, गणेश मंडल भंडारी, गंगा प्रसाद मंडल, राम शगुन मंडल, विपिन बिहारी प्रसाद, जय नारायण सिंह सहित अन्य ग्रामीणों की योगदान काफी सराहनीय है।