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भारत विभाजन : स्मृतियां और अनुभव विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन
Doorbeen News Desk: समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के इतिहास विभाग द्वारा भारत विभाजन : स्मृतियां और अनुभव विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. शशि भूषण कुमार शशि द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
इसके बाद अतिथि वक्ताओं को पाग चादर स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ कुणाल ने भारत विभाजन की घटित घटनाओं को रेखांकित किया एवं इसके सामाजिक एवं सांस्कृतिक पक्षों की चर्चा की। इस अतिथि व्याख्यान में बलिराम भगत कॉलेज, समस्तीपुर के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विकास कुमार पटेल , आर बी कॉलेज दलसिंहसराय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राज किशोर, विमेंस कॉलेज, समस्तीपुर के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नेहा कुमारी जायसवाल ने प्रभावशाली व्याख्यान दिया।
प्रो विकास पटेल जी ने भारत विभाजन के समय हुई राजनीतिक घटनाओं को व्यापक रूप से उल्लेखित करते हुए अपने विचार प्रकट किए । उन्होंने कहा विभीषिका में करोड़ों लोगों को इस त्रासदी का दंश झेलना पड़ा था। भारतीय नागरिकों को अपनी मातृभूमि, भाषा, संपति, व्यापार छोड़कर रातों- रात भागना पड़ा। लाखों परिवार उजड़ गए और अपने ही देश में शरणार्थी बनकर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ा।
डॉ नेहा कुमारी जायसवाल ने साहित्यकारों के द्वारा विभाजन के संदर्भ में लेखनी को व्यापक रूप से उजागर किया। विभाजन की त्रासदी में महिलाओं की समस्याओं को इतिहास लेखन का एक महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए राष्ट्रीय एकता में महिलाओं की भूमिका को उजागर किया। आर बी कॉलेज, दलसिंहसराय के इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ राज किशोर ने सांप्रदायिक राजनीति मुस्लिम तुष्टिकरण एवं मजहबी अलगाववाद को इतिहास की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए भारत विभाजन स्मृतियां एवं अनुभव विषय पर काफी प्रभावी संवादात्मक शैली में विचार रखे।
विभाजन के इतिहास लेखन के लिए साहित्यिक स्रोतों के साथ साथ मौखिक स्रोतों के भूमिका पर बल दिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य महोदय ने इतिहास विभाग द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान माला पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह व्याख्यान माला कॉलेज में अकादमिक गतिविधि को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि विभाजन की स्मृतियां और अनुभव से इतिहास यह सीख देता है कि वैमनस्य की जगह समन्वय के द्वारा देश में एकता और सौहार्द को स्थापित किया जा सकता है । जिन कारकों की वजह से देश का विभाजन हुआ, जाति, धर्म और सम्प्रदाय की भावना से ऊपर उठ कर मानवीय मूल्यों की रक्षा करनी होगी ।
हिंसा की राजनीति की जगह महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति भारत को विकसित राष्ट्र को बनाने में अहम भूमिका अदा कर सकती है। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए कॉलेज प्रयास करेगा। डॉ दयानंद मेहता ने सभी अतिथि व्याख्याताओं के विचारों को समेकित करते हुए छात्र छात्रों को संबोधित किया और कक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान इतिहास विभाग के डॉ रोहित प्रकाश ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ अखिल वर्मा द्वारा दिया गया।
इस दौरान इतिहास विभाग के प्राध्यापक डा रवि गुप्ता, डॉ मीनाक्षी कुमारी, डॉ अशोक कुमार और काफी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद रहे। इतिहास विभाग के द्वारा भारत विभाजन विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मानसी राय, द्वितीय स्थान शीतल कुमारी, तृतीय स्थान संयुक्त रुप से दीपमाला कुमारी और अभिषेक कुमार ने प्राप्त किया और इन्हें विभाग के द्वारा पुरस्कृत किया गया।