Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें अपने जिले को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा-जिलाधिकारी

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

दूरबीन न्यूज डेस्क। पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें अपने जिले को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा-जिलाधिकारी। जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कल बुधवार की देर शाम समाहरणालय सभा कक्ष में जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित की गई।बैठक में जिले में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए उपस्थित अधिकारियों से विभागवार जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों और आगे की रणनीति पर चर्चा किया। जिलाधिकारी ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें अपने जिले को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। बैठक में सड़क धूलकण प्रबंधन ,ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, भवन निर्माण कार्य ,वाहन प्रदूषण, सड़क निर्माण कार्य, पटाखों का उपयोग, यातायात व्यवस्था, फसल अपशिष्ट प्रबंधन आदि पर विस्तृत चर्चा की गई एवं जिलाधिकारी द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।

उन्होंने बैठक में उपस्थित नगर निगम मधुबनी सहित जिले के सभी नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि खुले में कचरा जलने पर अविलम्ब कार्रवाई करें और जुर्माना लगाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में खुले में निर्माण सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए।जिलधिकारी ने नगर निकायों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़को पर जल छिड़काव के उपरांत सफाई मशीन से सड़को की सफाई हेतु व्यवस्था करे ताकि धूलकणों से होने वाले प्रदूषण को कमकिया जा सके।उन्होंने उपस्थित भवन निर्माण विभाग आदि के अभियंताओं को निर्देश दिया कि खुले में भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाए साथ ही निर्माण सामग्रियों के परिवहन और संग्रहण पर भी विशेष निगरानी रखें। बगैर ढके निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों पर नियमानुसार कार्रवाई करें।

सड़क के किनारे खुले में संग्रहित की गई निर्माण सामग्रियों पर भी नियमानुसार कार्रवाई करें। उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि बालू आदि निर्माण सामग्रियों का परिवहन अनिवार्य रूप से ढककर हो। उल्लंघन कर्ता के विरुद्ध अविलम्ब कार्रवाई करें, साथ ही वाहनों के प्रदूषण स्तर। की नियमित रूप से जांच करें । उन्होंने निर्देश दिया कि बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के कोई भी ईंट भट्ठा का संचालन नहीं हो यह सुनिश्चित करें। फसल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी जिलाधिकारी ने कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में निम्न बिंदुओं पर चर्चा उपरांत व्यापक सहमति बनी।जिले में हरियाली बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, और ग्रामीण क्षेत्रों में पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने पर सहमति बनी। साथ ही जल संचयन और भूजल स्तर बढ़ाने के लिए तकनीकी उपायों को प्राथमिकता दी जाएगी। ठोस और तरल कचरे के प्रभावी प्रबंधन के लिए नई योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया गया। नगर निकायों को निर्देश दिया गया कि वे कचरा प्रबंधन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें.
जिलाधिकारी ने औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण नियमों के पालन की सख्ती से निगरानी करने का निर्देश दिया। औद्योगिक एवं मेडिकल कचड़े के सही निपटान और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को प्राथमिकता दी जाए.

प्लास्टिक के उपयोग को रोकने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। विशेष रूप से, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएग. स्कूलों और कॉलेजों में पर्यावरण शिक्षा को सशक्त करने और युवाओं को जागरूक बनाने पर जोर दिया गया। उक्त बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी दरभंगा, उप विकास आयुक्त दीपेश कुमार, नगर आयुक्त अनिल चौधरी,जिला परिवहन पदाधिकारी शशि शेखरण, डीपीआरओ परिमल कुमार, प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा हेमंत कुमार,सहित सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी एवं सभी सदस्य उपस्थित थे।