दूरबीन न्यूज डेस्क। सामाजिक संस्थान द उम्मीद बाल दिवस पर बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार के खेल सामग्रियों का वितरण किया।समस्तीपुर जिला के पूर्ववर्ती राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी कैडेट्स के द्वारा संचालित सामाजिक संस्थान द उम्मीद बाल दिवस पर बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार के खेल सामग्रियों का वितरण किया गया! द उम्मीद के उपाध्यक्ष आदेश कुमार ( बिहार स्टेट लेवल फुटबॉल प्लेयर) ने बाल दिवस की बधाई दी और खेलों को शारीरिक विकास के लिए आवश्यक बताया।
द उम्मीद के संस्थापक और अध्यक्ष अमरजीत कुमार ने बताया कि भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें। लेकिन वर्तमान समय में स्लम बस्तियों और मध्यवर्गीय परिवार के बच्चों के साथअनेक प्रकार के अवरोध उत्पन्न हो रहा है!
बाल दिवस के दिन हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि आजादी के इतने बरसों बाद भी बच्चे बाल मजदूरी और यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं। उनका बचपन तबाह हो रहा है। बड़ी तादाद में बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। हालांकि बच्चों के लिए मिड डे मील, फ्री शिक्षा, छात्रवृति जैसी कई योजनाएं सरकार ने बनाई हैं लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी काम करना बाकी है। बच्चों को बाल व्यापार, यौन दुर्व्यवहार, बाल विवाह, बाल श्रम, खराब स्वास्थ्य व शिक्षा, कुपोषण जैसी समस्याओं से बाहर निकालना होगा। बच्चे इस देश का भविष्य है, कल हैं। इसे संवारना होगा। मौके पर द उम्मीद के बोर्ड मेंबर नवनीत कुमार, प्रशांत, अमन, सुमित भारती आदि उपस्थित थे!