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जनसेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में बिहार की लोकगायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा एवं प्रसिद्ध मैथिली कथावाचक पंडित हेमचन्द्र ठाकुर को दी गई श्रद्धांजलि

दूरबीन न्यूज डेस्क । जनसेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में बिहार की लोकगायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा एवं प्रसिद्ध मैथिली कथावाचक पंडित हेमचन्द्र ठाकुर को दी गई श्रद्धांजलि। पद्मश्री शारदा सिन्हा ने बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोक संगीत को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनकी आवाज और गायन शैली ने आमलोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वे बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने ‘मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन आदि फिल्मों में भी गीत गये थे। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत- प्राध्यापक सह एनएसएस पदाधिकारी डॉ आर एन चौरसिया ने जनसेवा ट्रस्ट द्वारा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, लहरियासराय में जनसेवा ट्रस्ट कार्यालय में कॉलोनी के विकासात्मक समिति के अध्यक्ष सह आकाशवाणी, दरभंगा के पूर्व वरीय उद्घोषक शिशिर कर्ण की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

उन्होंने कहा कि बिहार-कोकिला शारदा सिन्हा की आवाज एवं गायन शैली ने भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारतीय लोक संस्कृति को सम्मान दिलाया है। स्वर्गीय सिन्हा का व्यक्तित्व एवं कृतित्व नई पीढ़ी के लिए सदा प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। वे अपने यश से सदा हमारे बीच मौजूद रहेंगी। मैथिली लोकगीत से अपनी करियर की शुरुआत कर उन्होंने हिन्दी, भोजपुरी, मगही एवं बजि्जका आदि में भी गायन किया। वहीं कथावाचक पंडित हेमचंद्र ठाकुर का धार्मिक, सामाजिक, एवं शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान सराहनीय एवं अनुकरणीय है। सरल व्यक्तित्व के धनी पंडित ठाकुर समाज में काफी लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं।

जनसेवा ट्रस्ट के सचिव ललन झा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा स्वर कोकिला शारदा सिन्हा तथा प्रसिद्ध मैथिली कथावाचक पंडित हेमचन्द्र ठाकुर को श्रद्धांजलि देते हुए दोनों को महान विभूति बताया। उन्होंने शारदा सिन्हा को उनकी जन्मभूमि सीमांचल तथा कर्मभूमि मिथिलांचल को जोड़ने वाली मजबूत कड़ी बताया। जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंकज कुमार झा ने हाल ही में दिवंगत हुए दोनों विभूतियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनसे युवाओं को सीख लेने का आह्वान किया। झा ने उनके निधन को समाज के लिए अपूर्णीय क्षति मानते हुए कहा कि इसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। उन्होंने आगामी प्रधानमंत्री की दरभंगा आगमन पर ट्रस्ट द्वारा स्वर्गीय शारदा सिन्हा को भारतरत्न सम्मान दिए जाने हेतु अपील पत्र देने का संकल्प व्यक्त किया।

इस अवसर पर लोकगायिका खुशबू मिश्रा ने उनके प्रसिद्ध लोकगीत.. ‘नजरियो न लागे मोरे बबूआ को…, कोयल बिन बगिया न सोभे.., आठ की काठ के कोठारिया हे…, ले चल पटना बाजार हो, जिया न लगे घरवा.. का गायन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।अध्यक्षीय संबोधन में ट्रस्टी शिशिर कर्ण ने आगामी प्रधानमंत्री के दरभंगा आगमन पर बिहार की लोक गायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा को भारतरत्न सम्मान हेतु पत्र दिए जाने का समर्थन करते हुए दोनों व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा उनसे सीख लेकर समाज के सर्वांगीण विकास एवं सौहार्द का वातावरण बनाने पर बल दिया।

इस अवसर पर इंजीनियर सुप्रिया मिश्रा, एस ग्रुप ओफ कंपनी के चेयरमैन रुवि देवी, एस इंश्योरेंस पॉइंट, दरभंगा के प्रोपराइटर सीमा, आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस, दरभंगा के सहायक प्रबंधक सोनू मिश्रा, जनसेवा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पी के ठाकुर, दरभंगा लाइव के पत्रकार मोहम्मद शमशाद, सिटीजन आवाज के पत्रकार मोहम्मद अफजल तथा श्री शारदा इंस्टीट्यूट, दरभंगा के सचिव सह प्रबंधक एसएस पराशर आदि ने दोनों विभूतियों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।