दूरबीन न्यूज डेस्क। बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के निधन से महिला महाविद्यालय समस्तीपुर में शोक की लहर, कॉलेज में संगीत शिक्षक के रूप में थी कार्यरत। ज्ञात हो कि बिहार कोकिला का जुड़ाव महिला महाविद्यालय, समस्तीपुर से रहा । वे यहां 1979 से अक्टूबर 2017 तक संगीत के शिक्षिका में रूप में यहां की छात्रा को मार्गदर्शन देती रही। एक मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व के थे। स्टाफरूम में जब भी होती थी । अपना गीत गुन गुनाने लगती थी। जिस दिन वह अवकाश मे रहती थी, उस दिन कॉलेज में मायूसी रहती थी।
उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए प्रधानाचार्या प्रो सुनीता सिन्हा बहुत ही भावुक और गहरे शोक में है और कहा कि हम अपने दीदी को खो दिया है । पद्मभूषण शारदा दीदी भारतीय संगीत जगत की एक महान विभूति और हम सब की गौरव थी। उनकी आत्मा आज इस दुनिया से विदा हुई, लेकिन उनकी समयातीत संगीत यात्रा हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी। आप हमारी कोयल थीं, हमारी लोक संगीत की दिग्गज थीं। आपकी आवाज़ में छुपी सुरों की मधुरता ने हमारे जीवन को समृद्ध बनाया। आपकी विनम्रता, उदारता, और प्रेम ने हमारे दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी है।
समस्तीपुर महिला कॉलेज में बिताए गए उन सुखद पलों को हम कभी नहीं भूलेंगे। आपकी संगीत यात्रा ने हमें सिखाया कि संगीत क्या है और कैसे यह हमारे जीवन को बदल सकता है। डॉ विजय कुमार गुप्ता ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कहा कि हम सब उनके शादियों और छठों के गीतों को सुनते हुए बड़े हुए है और जब इस महाविद्यालय में आये और शारदा दी को सामने देखे तो एक पल के लिए विश्वास ही नही हुआ कि हम उनके सामने है जिनसे मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता है। इतने बड़े सेलिब्रिटी होने के बाद भी उनमें अहंकार का नामों निशान नहीं था।
मैथिली के प्रो अरूण कुमार कर्ण ने उनको अंतिम प्रणाम करते हुए कहा कि वे मिलनसार थे । डॉ सोनी सलोनी ने कहा कि उनका जाना अपूरणीय क्षति है। उन्हें अपनी संस्कृति बहुत पसंद थी । शोक संवेदना सुषेण कुमार, राधा कुमारी, डॉ नेहा जायसवाल, डॉ सुरेश साह, डॉ कविता वर्मा, डॉ फरहत जबीन, डॉ पुष्कर झा, डॉ रेखा कुमारी, डॉ श्रीविद्या, डॉ बबली, डॉ शबनम, डॉ पूनम, डॉ स्वीटी दर्शन सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी ने व्यक्त किया।