दूरबीन न्यूज डेस्क। सीएम साइंस कॉलेज की एनएसएस इकाई एवं भाषा प्रभाग के द्वारा ‘नैतिक विकास में शिक्षकों का योगदान’ विषय पर विचारगोष्ठी आयोजित। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अनुशासन के साथ ही समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए जाने जाते हैं। शिक्षक एवं छात्रों में अन्योन्याश्रय संबंध होता है। छात्र शिक्षकों के सही दिशा- निर्देश में अपने जीवन को सफल बनाएं। उक्त बातें सीएम साइंस कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं भाषा प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में “छात्रों के नैतिक विकास में शिक्षकों का योगदान” विषय पर पर आयोजित विचारगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कही।
प्रत्येक शिक्षक का अपना एक विचार और चिंतन होता है। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन न केवल भारत के राष्ट्रपति थे, बल्कि मूलतः वे एक कर्तव्यनिष्ठ एवं अनुशासित शिक्षक थे। आज के दिन हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि छात्रों के नैतिक विकास तथा राष्ट्र के उत्तरोत्तर विकास एवं सुख- शांति में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। शिक्षकों का चरित्र छात्रों के लिए बड़े आदर्श के समान सदैव प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय होता है। वे स्वतंत्र चेतना के प्रतीक तथा समाज के लिए पथ- प्रदर्शक भी होते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने छात्रों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास ही नहीं करते, वरन उनके उत्तम चरित्र का पूर्ण निर्माण कर उन्हें समाजोपयोगी भी बनाते हैं। छात्रों को एक अच्छे नागरिक के रूप में तैयार करने में शिक्षक की भूमिका अद्वितीय होती है।
विचारगोष्ठी में हिन्दी विभागाध्यक्ष डा दिनेश प्रसाद साह ने समय के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी महान व्यक्तियों द्वारा समय का उचित प्रबंधन किया जाता रहा है। उन्होंने राधाकृष्णन को सदा जीवन एवं उच्च विचार के शिक्षक एवं दार्शनिक बताते हुए कहा कि वे सनातन धर्म के संरक्षकों में एक थे।
विचारगोष्ठी में गणित विभागाध्यक्ष डा अजय सिंह, डॉ अवध बिहारी यादव, डॉ योगेश्वर साह, स्वयंसेवक- प्रिया मिश्रा, केशव, आदित्य, मो आसू, अन्नू, सुनिधि गुप्ता आदि ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सत्येन्द्र कुमार झा के स्वागत एवं संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अंग्रेजी की प्राध्यापिका डॉ आर्यिका पॉल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। विचारगोष्ठी में अंजलि, जैनव, राहुल, रमणीकांत, नीतीश, सुधांशु, अन्नू , केशव, राहुल, ज्योति, कृष्ण कुमार आदि उपस्थित थे।