दूरबीन न्यूज डेस्क। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 102 एंबुलेंस सेवा दूसरे दिन भी ठप, मरीजों की बढ़ी परेशानी। जिले के सभी एंबुलेंस कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके कारण सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों एवं रेफर मरीजों को हाईयर सेंटर रेफर करने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान सभी एंबुलेंस कर्मी शुक्रवार को सदर अस्पताल में अपनी मांगों के समर्थन में धरना पर बैठे हैं।


संघ के सचिव रमण कुमार झा ने कहा कि मुख्य रुप से चार सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल किया गया है। इससे पूर्व ही सभी अधिकारियों एवं एजेंसी को इसकी सूचना दे दी गयी थी। उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में श्रम अधिनियमित लागू करने एवं श्रम अधिनियम के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने, कुशल श्रमिक का वेतन अविलंब भुगतान करने, मई व जून का वेतन एवं ईपीएफ का बकाया राशि देने की मांग शामिल है।


सचिव ने कहा कि जबतक मांग पर विचार नहीं किया जाता है तब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहेगा। धरना के दौरान एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। मौके पर संघ अधक्ष भोला कुमार, सचिव रमण झा, अभिनंदन कुमार, धर्मेंद्र कुमार, संतोष कुमार, अभिषेक कुमार, रवि कुमार गुप्ता आदि थे। बतादें कि जिले में सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, पीएचसी व सीएचसी में कुल 68 एंबुलेंस संचालित है। इन एंबुलेंस पर 276 चालक व ईएमटी कार्यरत हैं। जिनके हड़ताल पर जाने के कारण रेफर मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है।



कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी एंबुलेंस की सेवा ठप होने के साथ ही निजी एंबुलेंस कर्मियों की चांदी कट रही है। रेफर मरीजों को ले जाने के लिए मनमाना भाड़ा वसूल किया जा रहा है।जिसके कारण मरीजों के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की सदर अस्पताल से शहर के किसी भी निजी अस्पताल तक छोड़ने के लिए एक हजार रुपए तक वसूल किया जाता है।


https://doorbeennews.com/archives/16689