दूरबीन न्यूज डेस्क, समस्तीपुर। बिहार में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आयी है। जहां ऑक्सीजन के आभाव में एक मासूम तड़पता रहा, लेकिन किसी ने सुध लेने की जरुरत नहीं समझी। ताजा मामला उत्तर बिहार के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज की है।
जहां ऑक्सीजन के लिए एक तीन वर्ष के मासूम घंटे भर तड़पता रहा। बच्चे की जान बचाने के लिए परिजन इधर से उधर भागते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। फिर उसे वहां से निजी अस्पताल लेकर चले गए, जहां इलाज के बाद उसकी जान बच सकी।
मिली जानकारी के अनुसार सरैया थाना क्षेत्र के गोपीनाथ डोगरा गांव में बाइक की ठोकर से धर्मेंद्र साह का तीन वर्षीय पुत्र शनि कुमार गंभीर रुप से घायल हो गया था। काफी विश्वास करके पिता उसे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में लेकर आए।
परिजनों ने बताया कि एक बाइक की ठोकर से वह जख्मी हो गया था। स्थानीय लोग और परिजन उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे।
इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने उसे सिटी स्कैन कराने भेजा। सिटी स्कैन कराने के बाद बच्चे को लेकर जब बेड पर लिटाया गया तो वहां ऑक्सीजन नहीं चल रहा था। बेड पर एक घंटे तक बच्चा बेसुध पड़ा रहा, लेकिन उसे ऑक्सीजन नहीं लगाया गया।
ऑक्सीजन नहीं मिलने से बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे प्राइवेट नर्सिंग होम में चले गए। जहां उसकी जांच बची।
इस मामले में एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. विभा कुमारी ने जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि घायल बच्चे के इलाज में अस्पताल में क्या दिक्कत हुई है, इसके बारे में प्रबंधक से जानकारी ली जा रही है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।