समस्तीपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर और पूर्ववर्ती एनसीसी कैडेट्स के द्वारा संचालित सामाजिक संस्था द उम्मीद के गर्ल्स विंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्लम बस्तियों के महिलाओं के बीच पर्सनली हेल्थ एंड हाइजीन पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। (health camp)
द उम्मीद की संस्थापिका सदस्य (गर्ल्स विंग कोऑर्डिनेटर) हेमा कुमारी के बताई कि महिलाओं में होने वाली कुछ गंभीर बीमारियों का कारण हाइजीन से जुड़ी सही जानकारी न होना होता है।
इसलिए महिलाओं को बॉडी हाइजीन से जुड़े नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। द उम्मीद बोर्ड मेम्बर खुशबू कुमारी ने बताई की माहवारी एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। फिर भी यह भारत के अनेक हिस्सों में वर्जित विषय है। जागरूकता की कमी और क्लीन पीरियड रिलेटेड प्रोडक्ट्स तक पहुंच न मिलने की वजह ने अनगिनत महिलाओं को इंफेक्शन और अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स के प्रति संवेदनशील बना दिया है।
महिलाओं सशक्तिकरण और जागरूकता में सुधार करने के लिए खासतौर पर रूरल एरिया में पीरियड रिलेटेड एजुकेशन और सस्ते और पर्यावरण अनुकूल पीरियड रिलेटेड प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की बहुत जरूरत है। इस दौरान सौ से अधिक महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। मौके पर द उम्मीद की गर्ल्स विंग मेंबर पूजा कुमारी, सुमन सिंह, ब्यूटी कुमारी आदि उपस्थित थे।
इस दौरान बताया गया कि स्वास्थ्य के प्रति छोटी-छोटी जानकारी के प्रति जागरूक होने से कई गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। खासकर शरीर की साफ सफाई एवं घरों व आसपास की साफ सफाई से कई प्रकार की बीमारी से लोगों का बचाव हो सकता है। इसके लिए सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।