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समस्तीपुर/विद्यापतिनगर। प्रखंड अंतर्गत मऊ लंगड़ा ढाला शिव मंदिर के समीप श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार की देर शाम व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए श्रीधाम वृन्दावन के प्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज ने पराम्बा के चरित्र पर चर्चा करते हुए कहा कि माता भगवती प्रकृति की नींव हैं। प्रकृति के मूल में पराशक्ति विद्यमान हैं। जितने भी भगवान के अवतार होते हैं, उनके मूल में पराम्बा है।
भगवती का परम तत्त्व तथा विस्तृत माहात्म्य देवी भागवत में विद्यमान है। भागवतीय चरित्र प्राकृतिक नहीं अप्राकृतिक हैं। उन्होंने कहा कि आचरणवान ही ज्ञानवान हो सकता है। जब-जब संवाद का अभाव होता है तब- तब विवाद होता है। श्रीमद् देवी भागवत जैमिनि और व्यास जी का संवाद हैं । आचार्य श्री योगेश प्रभाकर जी महाराज ने पराम्बा श्री जगदम्बा जी के पवित्र आख्यानों से युक्त इस पुराण में वर्णित श्लोकों की सुरम्य प्रस्तुति के बीच मधु और कैटभ उद्धार का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि मां जिस जीव का उद्धार करती हैं। उसका पुर्णजन्म नहीं होता है। साथ ही पूजित होता है। असुर भी पूजित होता है, भक्तों का तो कल्याण होना ही होना है। युवाओं व बच्चों के उन्नयन के लिए उन्हें यज्ञ और धर्म से जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सृजन की प्रत्येक प्रतिक्रिया अंधकार में ही प्रारंभ होती है। हयग्रीव अवतार का वर्णन किया। श्रीमद् देवी भागवत् पवित्रतम पुराण के आख्यान सुनकर श्रोता भक्ति भाव के सागर में गोते लगाते रहें।
वहीं योगेश प्रभाकर जी ने अपनी संगीतमय भजनों कोई लाख करे चतुराई…, मुझे अपनी शरण में ले लो मईया… शक्ति ना होती, कुछ भी न होता… आदि की प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। इससे पहले यज्ञमान पदमाकर सिंह लाला व उनकी धर्मपत्नी सोनी सिंह ने श्रीमद् देवी भागवत, व्यास पीठ, व्यास जी व आचार्य पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करते हुए मंगल आरती किया। मंगल आरती को लेकर भक्त श्रद्धालुओं की भारी संख्या उमड़ी थीं।
मऊ बाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में स्थापित माता के अद्भुत विग्रह के 21 वर्ष पूरे होने व भव्य मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में छठें दिन प्रधान आचार्य श्री गोविंदाचार्य जी महाराज के निर्देशन में आचार्य अभिषेक मिश्रा, आचार्य गोपाल मिश्रा आदि दर्जन भर पुरोहितों ने पांच अधिवास किया। वैदिक विधान पूजन संपन्न करवाया। उधर यज्ञशाला में यज्ञमान अर्जुन प्रसाद सिंह, रामबिहारी सिंह पप्पू व बेबी देवी ,नवीन सिंह व वंदना देवी तथा पदमाकर सिंह लाला व सोनी सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञदेव का अनुष्ठान जारी रखा।
भारी संख्या में भक्त श्रद्धालु लाल-पीले पारंपरिक वस्त्र धारण कर यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। सीताराम नाम धुनी संकीर्तन नवाह यज्ञ व आचार्य परमानंद शास्त्री जी महाराज द्वारा श्रीराम चरित मानस नवाह पारायण यज्ञ में श्रद्धालु तल्लीन है। पुरानी दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में आयोजित इस महायज्ञ में सचिव अर्जुन प्रसाद सिंह, अध्यक्ष राज कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष गोविंद मिश्र, विमल प्रसाद सिंह, रामदयाल झा, सुदर्शन सिंह, रामाधार झा, प्रवीण सिंह कारू, मुखिया दिनेश प्रसाद सिंह, रजनीश झा, राजेश रौशन,शिवदानी सिंह झप्पू, संतोष सिंह,सुबोध सिंह सहित ग्राम वासी तत्पर हैं।