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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर लोगों को किया गया जागरुक, स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित की रैली व कार्यशाला, कहा प्रदूषण से बचाव को करें यह उपाय

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समस्तीपुर। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरुकता रैली निकाली गयी। कलेक्ट्रेट में इसका उद्घाटन डीडीसी अखिलेश कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त रैली कलेक्ट्रेट से निकलकर काशीपुर, पटेल मैदान रोड होते हुए एएनएम स्कूल परिसर में जाकर संपन्न हो गया। जहां एक कार्यशाला भी आयोजित कर प्रदूषण के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही प्रदूषण से होने वाले बीमारी एवं उसके बचाव के बारे में एएनएम छात्राओं को जानकारी दी गयी। साथ ही उसे आम लोगों को भी बताने को कहा गया।

रैली को हरी झंडी दिखाते हुए डीडीसी ने कहा कि इस रैली से लोगों में जागरुकता आएगी। साथ ही यह पता चलेगा कि प्रदूषण करने से क्या-क्या बीमारियां होगी। ताकि इसके बचाव के उपाय कर सकें। हर लोगों को बचाव का उपाय करना चाहिए। आम लोगों से प्रदूषण नहीं फैलाने की अपील करते हैं। ताकि इससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। वहीं सीएस ने कहा कि समस्तीपुर जिले में भी प्रदूषण अधिक है। रैली के माध्यम से लोगों को जागरुक करना है। इसके कारण जलवायू भी प्रभावित होता है। इसे रोकना अति आवश्यक है। लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जानकारी दी जा रही है।

कार्यशाला में भी प्रदूषण के कारण एवं इसके बचाव के कारण को भी लोगों को जानकारी दी जाएगी। मौके पर डीपीएम ज्ञानेंद्र शेखर, डीपीसी डॉ. आदित्य नाथ झा, डीएस डॉ. गिरीश कुमार, विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. विनायक कुमार, डॉ. सैयद मेराज इमाम, आईडीएसपी के आरिफ अली सिद्दीकी, डीसीक्यूए डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।


प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर:
डॉ. विनायक ने कहा कि प्रदूषण के कारण चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, छाती में तकलीफ, आंखों में जलन होने की शिकायत होती है। प्रदूषण की स्थिति में जरुरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें। आंखों में जलन, सांस में तकलीफ या खांसी होने पर डॉक्टरों से संपर्क करें। दिल, फेफड़े एवं अन्य गंभीर बीमारी के रोगियों का विशेष ध्यान दें। धुंआ रहित इंधन का प्रयोग करें।


प्रदूषण से यूं करें बचाव:
सदर अस्पताल के डॉ. विनायक कुमार ने बताया कि ज्यादा प्रदूषित स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। ऐसे जगहों पर जाने से बचें। घरों के खिड़की-दरवाजे सुबह व शाम में बंद रखें। प्रदूषण की स्थिति में सुबह व शाम में सैर नहीं करें। पटाखें, कूड, पत्तियां आदि ना जलाएं। धुम्रपान से बचें।