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सीबीआई ने एनएचएआई पटना के क्षेत्रीय कार्यालय से एजेंसी ने अवैध कार्य के लिए 15 लाख रुपये रिश्वत लेते पटना के महाप्रबंधक को घूस लेते किया गिरफ्तार
दूरबीन न्यूज डेस्क। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पटना क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित कार्यों का बिल पास कराने व इसके लिए अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोपों पर बड़ी कार्रवाई की है।
एजेंसी ने अवैध कार्य के लिए 15 लाख रुपये रिश्वत लेते एनएचएआई क्षेत्रीय कार्यालय, पटना के महाप्रबंधक रामप्रीत पासवान को घूस लेते गिरफ्तार किया है। वहीं, घूस देने वाली निजी कंपनी मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के जीएम सुरेश महापात्रा को गिरफ्तार किया गया।
घूस देने में मदद करने वाले कंपनी के दो निजी कर्मियों और एक अन्य को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने सोमवार को आरोपियों के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी के आवास व वाणिज्यिक परिसरों की तलाशी ली, जहां से 1.18 करोड़ रुपये नकद सहित आपत्तिजनक दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। इस मामले में एनएचएआई पटना कार्यालय की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर सीबीआई ने एनएचएआई पटना के सीजीएम वाईबी सिंह सहित वरिष्ठ रैंक के छह लोकसेवकों, निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो जीएम व चार वरिष्ठ प्रतिनिधियों को मिलाकर दर्जनभर लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
सीबीआई ने बताया कि एनएचएआई के आरोपी लोक सेवकों पर आरोप था कि मिलीभगत करके मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के ठेकों से जुड़े बिल को आगे बढ़ाने व इसे अवैध ढंग से पास कराने के लिए रिश्वत का लेन-देन कर रहे थे। मामले के सत्यापन के बाद सीबीआई ने तमाम आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की।
अपने आवास पर घूस ले रहे थे जीएम: सीबीआई को जानकारी मिली कि निजी कंपनी के जीएम ने घूस की रकम का इंतजाम करने के बाद एनएचएआई के आरोपी जीएम रामप्रीत पासवान को रिश्वत की रकम पहुंचाने के लिए 22 मार्च को उनके आवास के पास जगह तय की है। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और निजी कंपनी के आरोपी प्रतिनिधि, आरोपी जीएम (रिश्वत प्राप्तकर्ता) तथा निजी कंपनी के आरोपी जीएम (रिश्वत देने वाले) को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते-देते गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि पहुंचाने में मदद करने वाले निजी कंपनी के दो अन्य प्रतिनिधियों को भी गिरफ्तार किया गया। मामले की पूरी जांच के लिए एजेंसी की विभिन्न टीमों ने पटना समेत सात शहरों में ठिकानों पर छापेमारी की।